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दिल्ली: बड़ा झटका, MCD ने प्रॉपर्टी टैक्स की दरों में की वृद्धि, लोगों की जेब में पड़ेगा असर?

दिल्ली: बड़ा झटका, MCD ने प्रॉपर्टी टैक्स की दरों में की वृद्धि, लोगों की जेब में पड़ेगा असर?

  • दिल्ली नगर निगम ने संपत्ति कर में किया इज़ाफा.
  • व्यवसायिक प्रॉपर्टी मे 20% तक का हुआ इज़ाफ़ा.
New RERA Rules Delhi Government

MCD increased property tax rates: आम चुनावों के बीच राजधानी के रहवासियों को एक बड़ा झटका एमसीडी ने दिया है, दिल्ली नगर निगम ने दिल्ली में संपति कर की दरों में वृद्धि की है। दिल्ली नगर निगम ने व्यवसायिक और रहवासी श्रेणी की विभिन्न संपतियों में कर वृद्धि से राजधानी के रहवासियों के लिए इस बढ़ती मंहगाई में एक और मार दी है।

मिली जानकारी के अनुसार, MCD के द्वारा निर्धारित नई दरों में A और B श्रेणी के प्रॉपर्टी के लिए 12% की बढ़ोतरी की गई है, वही C से E सूची की संपतियों में 11% और E – F केटेगरी की प्रॉपर्टी के लिए 7% का इज़ाफ़ा किया हैं। इसके अलावा MCD ने राजधानी में व्यावसायिक संपत्ति के लिए 20 फीसदी तक ए से ई कैटेगरी की संपत्ति पर संपत्ति कर को बढ़ा दिया गया है।

राजस्व वृद्धि की ओर नजर

एमसीडी के द्वारा नई संशोधित दरों को लेकर कहा जा रहा है, दिल्ली नगर निगम का यह फैसला राजधानी में संपति कर के माध्यम से राजस्व में वृद्धि के संबंध में लिया गया है। इसी के तहत नगर निगम ने 8 अप्रैल को एक प्रस्ताव के (MCD increased property tax rates)  तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए संपत्ति कर की दरों को बढ़ाए जाने के फैसला लिया है।

MCD में महापौर चुनाव टला

इस बीच 26 अप्रैल को दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को फ़िलहाल रद्द कर दिया गया है। इसे लेकर दिल्ली सरकार ने चुनाव आयोग से अनुमति भी मांगी थी, चुनाव आयोग से अनुमति तो मिल गई लेकिन पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने के कारण मामला फंस गया।

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दिल्ली सरकार में मंत्री ने बीजेपी में लगाया आरोप

दिल्ली में MCD के लिए मेयर और डिप्टी मेयर के चुनावों को रद्द किए जाने को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने बीजेपी और दिल्ली के उपराज्यपाल को लेकर इसका जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति का प्रस्ताव नगर निगम सचिव से दरकिनार कर फाइल सीधे उपराज्यपाल कार्यालय को भेज दी गई। जिस पर उपराज्यपाल कार्यालय ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया।

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