पाकिस्तान में भी किसान आंदोलन, सरकार के खिलाफ देशव्यापी विरोध, जानें वजह?

  • देश के किसानों से गेंहू खरीदने के बजाय विदेशों से आयात करने को लेकर नाराजगी जताई.
  • गेहूं की बंपर पैदावार के बाद भी गेहूं की कीमतें प्रति 40 किग्रा के हिसाब से ₹3900 के आस पास बनी हुई.
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farmers movement in pakistan: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान कदम कदम में भ्रष्टाचार की मार से त्रस्त हुआ एक बार फिर एक बड़े घोटाले की ओर धकेल दिया गया है। इस बार पाकिस्तान सरकार के ऊपर देश के किसानों ने विदेशों से गेहूं आयात करके मोटा मुनाफा कमाए जानें का आरोप लगाया है। इसके अलावा पाक किसानों ने सरकार के ऊपर देश के किसानों से गेंहू खरीदने के बजाय विदेशों से आयात करने को लेकर नाराजगी जताई हैं

10 मई को देशव्यापी प्रदर्शन

पाकिस्तान में किसान गेहूं से उपजे संकट को लेकर देशव्यापी प्रदर्शन करने की घोषणा कर चुके हैं। 10 मई से पाकिस्तानी किसान मुल्तान से शुरू होने वाले प्रदर्शन में भाग लेने की बात कह चुकें है। पाकिस्तानी मीडिया की खबरों की मानें तो देश में गेहूं की बंपर पैदावार के बाद भी गेहूं की कीमतें प्रति 40 किग्रा के हिसाब से ₹3900 के आस पास बनी हुई हैं। और सरकार देश के किसानों से गेहूं खरीदने के बजाय विदेशों से आयत करने में लगी हुई है, जिसे लेकर देशभर में किसानों के अंदर भारी आक्रोश बढ़ा हैं।

गेहूं आयत से नाखुश किसान

देश में गेहूं के आयत से किसान नाखुश बताए जा रहें है, किसानों के अनुसार सरकार के गेहूं देश में आयत करने से गेहूं की कीमतों में कमी आई है, जब देश में गेहूं पर्याप्त मात्रा में उत्पादन हो रहा तो इसे बाहर से क्यों आयत किया जा रहा हैं। इस संबंध में पाकिस्तानी किसान इत्तेहाद के अध्यक्ष खालिद खोखर ने कहा कि मैंने कई किसान संघों से बात की है और हमने (farmers movement in pakistan) अपने ही नहीं बल्कि देश के हित के लिए विरोध करने का फैसला किया है।

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खोखर ने कहा कि विदेशी मुद्रा की कमी के बावजूद कार्यवाहक सरकार ने गेहूं का आयात करके 400 अरब रूपये से अधिक के विदेशी भंडार को नुकसान पहुंचाया। किसान नेता ने इस संबंध में दावा करते हुए कहा कि, कार्यवाहक सरकार के मुख्या अनवर उल हक काकर ने गेहूं के आयात से 100 अरब रूपये का मुनाफा कमाया।

पाकिस्तानी सरकार ने जांच समिति गठित की

वही अब इस मामले को लेकर पाकिस्तानी सरकार के तत्कालीन प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने जांच करवाने की बात कही है। पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि गेहूं के आयात के फैसले को लेकर कैबिनेट स्तर पर एक जांच समिति का गठन किया गया है। यह समिति अनवर उल हक काकर की अध्यक्षता वाली पिछली कार्यवाहक सरकार के फैसले की जांच करेगी। क्योंकि देश में गेहूं की पर्याप्त आपूर्ति के बावजूद भी इसे क्यों आयात किया जा रहा है?

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