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“गाजा में नहीं होगा कोई युद्धविराम, यह जंग का समय है”: बेंजामिन नेतन्याहू

“गाजा में नहीं होगा कोई युद्धविराम, यह जंग का समय है”: बेंजामिन नेतन्याहू

  • गाजा जंग को रोकने के मसले पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, "यह युद्ध का समय है"
  • युद्ध की शुरुआत से अब तक 8,000 से अधिक फिलिस्तीन नागरिक अपनी जान गंवा चुके हैं।
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Gaza ‘Ceasefire Will Not Happen’ – Israel PM: इजरायल-हमास युद्ध का आज (31 अक्टूबर) 25वाँ दिन है और फिलहाल स्थिति के सामान्य होने के कोई संकेत नहीं मिल रहे। इजराइल लगातार गाजा आधारित चरमपंथी संगठन हमास के खिलाफ कार्यवाई में तेजी लाने की कोशिश कर रहा है।

इस बीच गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक युद्ध की शुरुआत से अब तक 8,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक अपनी जान गंवा चुके हैं। मारे गए लोगों में 3,300 से अधिक नाबालिग और 2,000 से अधिक महिलाओं के शामिल होने की भी बात सामने आई है। ऐसे में दुनिया भर के कई देशों ने इजराइल से गाजा में की जा रही सैन्य कार्यवाई और हवाई हमलों को रोकने की अपील की है। लेकिन फिलहाल इजराइल इसके पक्ष में दिखाई नहीं दे रहा।

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खुद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि गाजा में किसी भी हालत में युद्धविराम नहीं होने वाला, हमास पर जीत हासिल करने तक यह जंग जारी रहेगी। इस बीच नेतन्याहू ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा;

“हमास के साथ जारी इस जंग में युद्धविराम करने का मतलब इजरायल द्वारा आतंकवाद के सामने आत्मसमर्पण करने जैसा होगा।  इसलिए जब तक इस जंग में जीत दर्ज नहीं कर ली जाती, यह लड़ाई जारी रहेगी।”

इसी के साथ ही इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यह साफ कर दिया कि 7 अक्टूबर के हमले के बाद इजरायल हमास के साथ किसी प्रकार का युद्धविराम समझौता करने के मूड में नहीं है।

Gaza ‘Ceasefire Will Not Happen’ – Israel PM

नेतन्याहू के अनुसार, यह जंग तभी खत्म होगी जब हमास इजरायली सेना के आगे आत्मसमर्पण कर दे। अपने संबोधन के दौरान नेतन्याहू ने एक दिलचस्प बात कही;

“बाइबिल में कहा गया है कि एक शांति का समय होता है और एक युद्ध का समय होता है……..यह युद्ध का समय है, यह युद्ध हमारे साझे भविष्य के लिए है!”

साथ ही इजरायल के प्रधानमंत्री ने दुनिया भर के तमाम देशों और नेतन्याहू ने कहा कि हमास द्वारा बंधक बनाए नागरिकों की रिहाई के लिए अन्य देशों को और ज्यादा मदद करने चाहिए और अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों से भी यह कहा है कि उन्हें हमास से बंधकों को “बिना शर्त” तुरंत रिहा करने करने की माँग करनी चाहिए।

UNGA में युद्धविराम पर मतदान के दौरान भारत ने भी किया था परहेज

गौर करने वाली बात ये है कि कुछ दिन पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में जॉर्डन ने इजराइल-हमास युद्ध को रोकने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव में आम लोगों तक मानवीय सहायता पहुँचानें के लिए जंग को तत्काल रोकने या कहें तो ‘युद्धविराम’ की अपील की गई थी।

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संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस प्रस्ताव पर पर मतदान भी हुआ, लेकिन इस दौरान भारत गैर-हाजिर रहते हुए, मतदान से परहेज करता दिखाई दिया। कुल 120 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया, जिसमें बांग्लादेश, मालदीव, पाकिस्तान और रूस भी शामिल रहे। वहीं 14 देशों ने प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया। परंतु भारत समेत 45 देशों में प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया, इनमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, जापान, यूक्रेन और यूके का नाम भी शामिल रहा।

हमास ने जारी किया बंधकों का वीडियो, नेतन्याहू से नाखुश बंधक?

इस बीच हमास की ओर से बंधक बनाई गई तीन महिलाओं का एक वीडियो जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि इन्हें 7 अक्टूबर को इजरायल पर किए गए हमलों के दौरान ही बंधक बनाया गया था।

गौर करने वाली बात ये है कि इस वीडियो में एक बंधक महिला को यह कहते सुना जा सकता है कि इजरायल के मौजूदा प्रधनमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपने लोगों की सुरक्षा करने में नाकाम साबित हुए हैं,  और उन्हें से रिहाई के लिए ‘प्रीजनर स्वैप’ (हमास के साथियों को रिहा करने) का प्रस्ताव मान लेना चाहिए।

इसके जवाब में मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास द्वारा जारी महिला बंधकों के वीडियो को एक ‘क्रूर मनोवैज्ञानिक प्रोपगेंडा’ करार दिया है।

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