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इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट का SBI को नोटिस, ‘बॉन्ड नंबर’ का करें खुलासा

इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट का SBI को नोटिस, ‘बॉन्ड नंबर’ का करें खुलासा

  • चुनाव आयोग ने जारी किया इलेक्टोरल बॉन्ड डेटा
  • पर सुप्रीम कोर्ट ने SBI को थमा दिया नोटिस, जानें क्यों?
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Supreme Court Issued Notice to SBI on Electoral Bond: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आनन-फ़ानन में एसबीआई और चुनाव आयोग ने साथ काम करते हुए, 14 मार्च को ही इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी जारी कर दी। इसमें इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वालों के नाम, उसकी राशि और राजनीतिक दलों द्वारा हासिल की गई राशि का खुलासा किया गया। लेकिन सर्वोच्च अदालत ने एसबीआई को आज (15 मार्च) आज के नोटिस जारी कर दिया।

असल में चुनाव आयोग की वेबसाइट पर 2 पीडीएफ लिस्ट जारी की गई। लेकिन SBI द्वारा बिना यूनिक बॉन्ड नंबरों के इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी पेश करने पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर दी है। SBI से इस मामले में जवाब माँगा गया है।

Supreme Court Issued Notice to SBI on Electoral Bond

सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान कहा कि भारतीय स्टेट बैंक को राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त इलेक्टोरल बॉन्ड के यूनिक अल्फा-न्यूमेरिक नंबर का खुलासा भी करना चाहिए था। इसको लेकर अदालत ने एसबीआई को एक नोटिस जारी कर दिया है और सोमवार पर इस मामले में जवाब माँगा गया है।

सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने भारतीय स्टेट बैंक से साफ तौर पर कहा कि अदालत ने इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित पूरी जानकारी देने की बात कही थी। लेकिन बॉन्ड के यूनिक नंबरों का डेटा नहीं प्रदान किया गया। एसबीआई को जल्द से जल्द इसकी जानकारी देनी होगी। इसके लिए एसबीआई को 18 मार्च तक का समय दिया गया।

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कोर्ट का नया आदेश

आज मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ के अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने चुनाव आयोग की एक अर्जी पर सुनवाई की। इस अर्जी में चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में न्यायालय द्वारा 11 मार्च को दिए गए आदेश के एक हिस्से में संशोधन का अनुरोध किया।

इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपने ज्यूडिशियल रजिस्ट्रार से यह  सुनिश्चित करने को कहा कि चुनाव आयोग द्वारा सीलबंद कवर में सौंपे गए दस्तावेज को स्कैन किया जाए और उन्हें डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराया जाए। इतना ही नहीं बल्कि इस तमाम प्रक्रिया पूरी करने के बाद संबंधित दस्तावेजों को पुनः चुनाव आयोग को सौंपने के भी निर्देश दिए गए। इसके बाद चुनाव आयोग इसे 17 मार्च को या उससे पहले वेबसाइट पर अपलोड करेगा।

इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी हुई सार्वजनिक, पर क्या है यूनिक नंबर?

सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद आखिरकार SBI ने 12 मार्च को ही चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सौंप दी थी। और चुनाव आयोग ने भी अदालत के आदेश का पालन करते हुए 15 मार्च के पहले ही इस पूरी जानकारी को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया।

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लेकिन एक बार फिर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को दख़ल देना पड़ा क्योंकि जारी की गई 2 डेटा पीडीएफ़ में बॉन्ड के यूनिक नंबर नजर नहीं आए। यूनिक नंबर के ज़रिए ही यह पता चलेगा कि किस व्यक्ति ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया। अभी सिर्फ बॉन्ड ख़रीदने वाले लोगों या कंपनियों और राशि हासिल करने वाली पार्टियों की अलग-अलग जानकारी सामने आई है।

दो अलग अलग लिस्ट में पार्टियों को प्राप्त ब्रॉन्ड की राशि और किस ने कितनी राशि का बॉन्ड खरीदा है, उसके बारे में अलग अलग जानकारी साझा की गई है। लिस्ट में यह पता लगाना मुश्किल है, किस व्यक्ति ने बॉन्ड खरीदकर किस पार्टी को वह बॉन्ड डोनेट किया है।

लिस्ट में देशभर में मौजूद प्राय: सभी बड़ी पार्टियों के नाम मौजूद है। इसमें भाजपा, कांग्रेस ,शिवसेना, बीआरएस, अन्नाद्रमुक, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस सहित देश की अन्य पार्टियों के नाम शामिल है।

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