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हमास-इजराइल युद्ध के बीच अमेरिकी सेना ने सीरिया में की ‘एयरस्ट्राइक’

हमास-इजराइल युद्ध के बीच अमेरिकी सेना ने सीरिया में की ‘एयरस्ट्राइक’

  • अमेरिकी सेना ने दावा किया है, यह हमले आत्मरक्षा के तहत सीरिया को चेताने के लिए किए गए हैं।
  • फिलहाल इराक में 2500 और 900 अमेरिकी सैनिक सीरिया में तैनात हैं।
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US Strikes Iran’s Allies in Syria: हमास-इजरायल युद्ध के बीच अमेरिकी सेना ने पूर्वी सीरिया के ईरान इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) और उससे सबंधित आतंकी ठिकानों में हवाई हमले किए है। अमेरिकी सेना ने दावा किया है, यह हमले आत्मरक्षा के तहत सीरिया को चेताने के लिए किए गए हैं। अमेरिकी सेना के हवाले से कहा गया है, ईरान की शह में इराक और सीरिया में मौजूद आतंकी संगठनों द्वारा अमेरिकी सेना के बेस कैंप में हमले किए जा रहे है।

बीते 10 दिनों से पूर्वी सीरिया और पश्चिमी ईराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल से हमले किए गए है। इस हमलें में अमेरिकी सेना के करीबन 19 सैनिक घायल हुए थे। बता दें, फिलहाल इराक में 2500 और 900 अमेरिकी सैनिक सीरिया में तैनात हैं। ये सैनिक इस्लामिक स्टेट (उग्रवादी सैन्य समूह) के खिलाफ अभियान के चलते दोनों देशों में मौजूद है।

इन्ही सैन्य ठिकानों में इराक, सीरिया के आतंकी संगठनों द्वारा हमले में अमेरिकी सेना के जवान घायल हो गए थे। हमले का आरोप इस्लामिक रेजिस्टेंस ऑफ इराक (पूर्व नाम) में लगा है। अब अमेरिकी सेना ने भी जवाबी कार्रवाई में आतंकी संगठन के गोदाम और एक बंकर पर एफ-16 जेट विमानों के साथ हवाई हमले किए।

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जवाबी हमले के बाद अमेरिकी सेना ने कहा कि इस हमले के जिम्मेदार इस्लामिक रेजिस्टेंस ऑफ इराक (पूर्व नाम) आतंकी समूहों ने गोला बारूद हथियार जुटा कर रखे थे। 2016 के बाद सीरिया के अल-तनफ में अमेरिकी सेना की चौकी मौजूद है, जिसे आतंकी संगठनों द्वारा निशाना बनाया जा रहा था।

अमेरिकी रक्षा मंत्री जे आस्टिन ने कहा,

“अमेरिका अपने सैनिकों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिका किसी से संघर्ष नही चाहता, हम ईरान से आगे भी किसी भी प्रकार की शत्रुता नहीं रखना चाहते। ईरान या उसके समर्थक चरमपंथी संगठन किसी भी अमेरिकी कर्मचारी पर हमला करते हैं, तो अमेरिका अपने लोगों की रक्षा करना जानता है।”

हमास – इजराइल युद्ध के तनाव के कारण

7 अक्टूबर से जारी हमास-इजराइल युद्ध की वजह से ही ये तनाव की स्थिति उत्पन्न हो रही है। अमेरिका पूरी तरह से इजराइल के साथ खड़ा नजर आ रहा है, जो इस्लामिक देशों के खिलाफ इजराइल के समर्थन में ढाल बनकर मजबूती के साथ खड़ा है।

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वही इस्लामिक देश इजराइल को गाजा पट्टी में हमले बंद करने की लगातार चेतावनी दे रहे है। अब ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन ने सीधे तौर पर अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है, अगर इजरायल गाजा पर हमले को बंद नहीं करता है तो उसे कई मोर्चे पर युद्ध लड़ना होगा।

एयर स्ट्राइक को अमेरिका ने हमास-इजरायल युद्ध से अलग बताया

जहां एक तरफ सीधे तौर में ईरान के विदेश मंत्री ने अमेरिका को चेतवानी दे रहे है, वही दूसरी ओर अमेरिका ने कहा कि आत्मरक्षा में किए गए इन हमलों का उद्देश्य पूरी तरह से इराक और सीरिया में अमेरिकी कर्मियों की रक्षा करना था। उन्होंने कहा;

“यह हमला इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष से अलग है। इजरायल-हमास संघर्ष के प्रति हमारे दृष्टिकोण में कोई बदलाव नहीं आया है। हम सभी देशों और संस्थाओं से आग्रह करते हैं कि वह ऐसा कोई कदम ना उठाए जो व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष में तब्दील हो जाए।”

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