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Meta India का विज्ञापन राजस्व वित्तवर्ष 2023 में 13% बढ़कर पहुँचा ₹18,308 करोड़

Meta India का विज्ञापन राजस्व वित्तवर्ष 2023 में 13% बढ़कर पहुँचा ₹18,308 करोड़

  • वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2022 के ₹297 करोड़ के मुकाबले लगभग 19% बढ़कर ₹352 करोड़ पहुँच गया।
  • यह आँकड़े ऐसे समय में आए हैं जब पिछले कुछ समय में विज्ञापन उद्योग को कई प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है।
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Meta India Reports 13% Growth In Gross Ad Revenue: फेसबुक (Facebook), इंस्टाग्राम (Instagram) और व्हाट्सएप (WhatsApp) जैसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मो पर मालिकाना हक रखने वाली मेटा (Meta) की भारतीय इकाई, फेसबुक इंडिया ऑनलाइन सर्विसेज (Facebook India Online Service) ने वित्त वर्ष 2023 में ₹18,308 करोड़ का सकल विज्ञापन राजस्व कमाया है।

यह इस लिहाज से खास है क्योंकि कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष 2022 में ₹16,189 करोड़ का सकल विज्ञापन राजस्व दर्ज किया था, लेकिन इस बार यह आँकड़ा साल-दर-साल वृद्धि के लिहाज से लगभग 13% अधिक रहा।

दिलचस्प ये है कि 31 मार्च, 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष के यह आँकड़े ऐसे समय में आए हैं जब इस दौरान विज्ञापन उद्योग को कई प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है। वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी जैसी स्थिति और फंडिंग की कमी के चलते, छोटे-बड़े तमाम बिजनेस विज्ञापनद बजट में कटौती करते दिखाई दिए। कंपनी मुख्य रूप से अपने तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप आदि के जरिए विज्ञापन स्लॉट बेंच कर ही विज्ञापन आय हासिल करती है।

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Meta India Revenue

बता दें, वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2022 के ₹297 करोड़ के मुकाबले लगभग 19% बढ़कर ₹352 करोड़ पहुँच गया है। साथ ही कुल राजस्व भी वित्त वर्ष 2022 में ₹2324 करोड़ की तुलना में 20% बढ़त के साथ ₹2,776 करोड़ हो गया है।

इतना ही नहीं बल्कि फेसबुक इंडिया की विज्ञापन इन्वेंट्री लागत में भी कमी देखनें को मिली है। वित्त वर्ष 2022 में भारत में कंपनी की विज्ञापन इन्वेंट्री लागत करीब ₹15,120 करोड़ रही थी, जो वित्त वर्ष 2023 में लगभग 63% घटकर ₹5,666 करोड़ तक आ गई है।

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कंपनी ने किया था रणनीति में बदलाव

सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, अगस्त 2022 में कंपनी ने अपनी राजस्व रणनीति में एक बड़ा बदलाव करते हुए, सिर्फ विज्ञापन इन्वेंट्री का पुनर्विक्रय करने के बजाए ‘पुनर्विक्रय’ और ‘ऑपरेटिंग लाइसेंस’ दोनों मॉडलों को अपनाया था।

इस बदलाव के चलते अब कंपनी के कुल राजस्व को दो मुख्य श्रेणियों में बाँटा गया है। पहला है सकल विज्ञापन पुनर्विक्रेता राजस्व, जो लगभग ₹6,120 करोड़ रहा, वहीं दूसरा है सकल विज्ञापन राजस्व, जो क़रीब ₹12,188 करोड़ दर्ज किया गया।

कंपनी सब्सक्रिप्शन से भी करती है कमाई

मेटा ने कुछ ही समय पहले लगभग ₹699 प्रति माह की दर पर वेरिफ़िकेशन बैच व अन्य तमाम सेवाओं वाला एक सब्सक्रिप्शन प्लान भी पेश किया था। इतना ही नहीं बल्कि कंपनी साल 2024 तक भारत में फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के विज्ञापन-मुक्त सब्सक्रिप्शन प्लान पेश करने की भी योजना बना रही है।

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