Now Reading
Chandrayaan 3: लैंडर ‘विक्रम’ अंतरिक्ष यान से हुआ अलग, अगला पड़ाव लैंडिंग!

Chandrayaan 3: लैंडर ‘विक्रम’ अंतरिक्ष यान से हुआ अलग, अगला पड़ाव लैंडिंग!

chandrayaan-3-update-lander-vikram-separate-next-step-moon-landing

Chandrayaan 3 Update – Lander Vikram Separate, Next Step Moon Landing: एक ऐतिहासिक कामयाबी के और करीब पहुँचते हुए, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज चंद्रयान-3 मिशन के तहत एक बड़ी सफलता हासिल की।

इसरो ने यह जानकारी दी है कि चांद पर लैंडिंग से पहले आज यानी गुरुवार को करीब दोपहर 1 बजकर 8 मिनट पर चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम अपने अंतरिक्ष यान के प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग हो गया है और अपने अगले पड़ाव की ओर बढ़ने लगा है।

आपको बता दें इसरो के चंद्रयान-3 को मुख्य रूप से तीन हिस्सों में समझा जा सकता है, जिसमें प्रोपल्शन मॉड्यूल, विक्रम लैंडर और रोवर शामिल हैं। इन तीनों हिस्सों के अपने-अपने काम हैं। अलग होने के पहले तक ये तीनों एक साथ चाँद की कक्षा (ऑर्बिट) के चक्कर लगा रहे थे।

लेकिन आज दोपहर में योजनाबद्ध तरीके से प्रोप्ल्शन मॉड्यूल विक्रम लैंडर और रोवर से अलग हो गया। खुद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी।

Chandrayaan 3 Moon Landing: क्या होगा अगला चरण

अंतरिक्ष यान से अलग हुए विक्रम लैंडर को अब 18 अगस्त की शाम तक डीबूस्टिंग तकनीक की मदद से चाँद की थोड़ी निचली कक्षा में लाया जाएगा, जिससे यह अपने मुख्य पड़ाव यानी चाँद पर लैंडिंग (Moon Landing) के थोड़ा और करीब आ जाएगा।

वहीं प्रोपल्शन मॉड्यूल मौजूदा ऑर्बिट में ही आगामी कुछ महीनों या सालों तक चक्कर लगाना जारी रखेगा।

कब होगी चाँद पर लैंडिंग?

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की मानें तो चंद्रयान-3 मिशन के अगले हिस्से के तहत लैंडर विक्रम (रोवर के साथ) 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब सॉफ्ट लैंडिंग कर सकता है। बता दें लैंडर फिलहाल चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किमी की ऊंचाई पर मौजूद है।

See Also
redmi-a2-series-launched-in-india-here-are-the-details

आप शायद सोच रहे होंगे कि भला लैंडिंग केल इए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को ही क्यों चुना गया है? असल में वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि चाँद के इस हिस्से में बर्फ और पानी मिलने की संभावना प्रबल है।

एक बार चाँद की सतह पर विक्रम लैंडर की लैंडिग हो जाने के बाद, उसमें निहित रोवर सतह पर बाहर निकलेगा और चांद पर खोज संबंधित कार्यों को पूरा करने में जुट जाएगा।

लेकिन जाहिर तौर पर लैंडर की सकुशल सॉफ्ट लैंडिंग इस मिशन का सबसे अहम व चुनौतिपूर्ण हिस्सा है। और सफल लैंडिंग कर लेने के बाद अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत उस उपलब्धि को दर्ज करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।

चंद्रयान 3 का अब तक का सफर  

आपको बता दें भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी, ISRO ने अपने मून मिशन, चंद्रयान-3 को 14 जुलाई 2023 को लॉन्च किया था, जिसके कुछ दिनों बाद तक यह पृथ्वी की कक्षा के चक्कर लगा रहा था।

chandrayaan-3-mission-successfully-launched-by-isro
Image: ISRO

इसके बाद लगभग 5 अगस्त को लूनर ऑर्बिट इजेक्शन (LOI) के माध्यम से चंद्रमा की कक्षा (ऑर्बिट) की ओर बाधा और मैन्युवर का इस्तेमाल करते हुए, ऑर्बिट बदले व चक्कर लगाता रहा। कल यानी 16 अगस्त को ही चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में अपना पांचवां मैन्युवर पूरा किया और आज लैंडर ‘विक्रम’ अंतरिक्ष यान से हो गया।

अब उम्मीद यही है कि 23 अगस्त तक भारत का लैंडर चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग करता नजर आएगा।

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.