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किसान आंदोलनः शूंभ बॉर्डर के पास रोकी गई ट्रेनें, ट्रैक जाम, कई रद्द, जानें वजह?

किसान आंदोलनः शूंभ बॉर्डर के पास रोकी गई ट्रेनें, ट्रैक जाम, कई रद्द, जानें वजह?

  • किसान संगठनों का अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन.
  • किसानों और पंजाब पुलिस कर्मियों के बीच धक्का मुक्की.
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Kisan protest trains stopped near Shumbh border: किसानों का आंदोलन एक बार फ़िर उग्र प्रदर्शन की ओर बढ़ने की खबर सामने आई है, गैर राजनीतिक किसान संगठनों के दल संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली के करीब शंभू बॉर्डर में ट्रेन रोकने की कोशिश की।

किसानों द्वारा दोपहर 12 बजे बुधवार (17 अप्रैल 2024) को अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन करने के ऐलान किया गया था, जिसे लेकर किसान रेलवे ट्रैक की तरफ आगे बढ़ते हुए रेल को रोकने की कोशिश की जा रही थी, सुरक्षा में लगे पुलिस के जवानों ने किसानों की कोशिश को असफल करने के लिए हल्के बल प्रयोग का सहारा लिया, जिसमें किसानों और पंजाब पुलिस कर्मियों के बीच धक्का मुक्की की खबरें सामने आई।

किसान संघटन रेलवे ट्रैक में बैठे

पुलिस से धक्का मुक्की के बीच किसान आंदोलन के समर्थक रेलवे ट्रैक में बैठे गए। किसानों के द्वारा ट्रैक के पास लगाए गए पुलिस बेरिकेड्स को तोड़ा गया है। सभी किसानों ने शंभू स्टेशन के रेल ट्रैक में धरना दे दिया है,किसानों के समूह ने चंडीगढ़ हाइवे और पंजाब के बाकि रेल ट्रैक भी ठप्प करने की चेतवानी दी हैं। मिली जानकारी के अनुसार, संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीति और किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने शंभू रेलवे ट्रैक को जाम किया गया है, किसानों की मांग आंदोलन 2.0 में कई किसान और किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया था उनकी रिहाई के लिए किसान मांग कर रहे इस दौरान पुलिस ने किसानों के समूह को समझाइश भी दी परंतु वह कुछ बात करने के लिए तैयार नहीं थे।

रेल यात्री हुए परेशान

किसानों के द्वारा शंभू स्टेशन में धरना दिए जाने के बाद रेल यात्रियों के परेशान होने की खबर भी समाने आई, किसानों ने अमृतसर दिल्ली रेल मार्ग दोनों तरफ से बंद कर दिया है, इसके पहले से ही अमृतसर दिल्ली सड़क मार्ग शम्भू के पास (Kisan protest trains stopped near Shumbh border)  दोनों तरफ से बंद हुआ पड़ा है, ऐसे में यात्री जिन्हे अमृतसर से दिल्ली के बीच सफ़र करना था वह काफ़ी परेशान दिखे।

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गौरतलब हो, किसान संगठनों के द्वारा पूर्व में ही 9 अप्रैल को रेलवे ट्रैक में धरना प्रदर्शन करने की चेतवानी पंजाब सरकार को दी थी, किसानों ने अपने नेताओं के रिहाई की मांग पंजाब सरकार से की थी, जिसे पंजाब सरकार की ओर से हरियाणा सरकार के साथ बात करके किसान नेताओं को छोड़ने की बात कही गई थी। बता दें, किसानों का समूह युवा किसान नेता नवदीप सिंह जलबेहड़ा समेत अन्य किसानों को रिहा करने की मांग कर रहा हैं।

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