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बैटरी टेक स्टार्टअप e-TRNL Energy ने हासिल किया ₹7.5 करोड़ का निवेश

बैटरी टेक स्टार्टअप e-TRNL Energy ने हासिल किया ₹7.5 करोड़ का निवेश

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e-TRNL Energy [Startup Funding]: इलेक्ट्रिक एनर्जी टेक्नोलॉजी का बाजार भारत समेत दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा है, और ऐसा हो भी क्यों ना, आखिर आने वाला समय इलेक्ट्रिक वाहनों का ही है। लेकिन इलेक्ट्रिक वाहन ईकोसिस्टम के कई अहम हिस्से हैं, जिनमें से ‘बैटरी-टेक’ सेगमेंट बेहद खास माना जाता है।

और अब इसी सेगमेंट से संबंधित बैटरी टेक स्टार्टअप e-TRNL Energy ने अपने प्री-सीड फंडिंग राउंड में ₹7.5 करोड़ का निवेश हासिल किया है।

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कंपनी के लिए इस निवेश दौर का नेतृत्व Speciale Invest ने किया। साथ ही इस दौर में Micelio Mobility और CIIE (आईआईएम-अहमदाबाद द्वारा स्थापित एक स्टार्टअप इनक्यूबेटर) समेत कुछ अन्य निवेशकों ने भी अपनी भागीदारी दर्ज करवाई।

स्टार्टअप की मानें तो प्राप्त की गई इस धनराशि का इस्तेमाल प्रोडक्ट साइकिल में तेजी लाने के लिए किया जाएगा, जिससे ग्राहकों को प्रोडक्ट उपलब्ध करवाने की समय सीमा कम की जा सके।

कंपनी ने अनुसार, इसने एक एडवांस बैटरी तकनीक विकसित की है, जो ना सिर्फ सुरक्षित है बल्कि विशेष रूप से भारतीय जलवायु में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को कठोर परिस्थितियों का सामना करने में भी मदद करती है। इतना ही नहीं बल्कि कंपनी के दावे के अनुसार, इसकी तकनीक से फास्ट चार्जिंग की सुविधा से लैस होने के साथ ही साथ किफायती भी है।

e-TRNL Energy की शुरुआत साल 2021 में आईआईटी के पूर्व छात्रों – अपूर्व शालिग्राम (Apoorv Shaligram) और उत्तम कुमार सेन (Uttam Kumar Sen) ने मिलकर की थी। इस उच्च ऊर्जा घनत्व बैटरी तकनीक को विकसित करने में संयुक्त रूप से दोनों संस्थापकों का 27 साल का शोध अनुभव शामिल है।

e-TRNL Energy

कंपनी ने बताया कि इसका इरादा साल 2030 तक 100% इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के भारत के लक्ष्य में अपना व्यापक समर्थन देने का है।

इस नए निवेश को लेकर e-TRNL Energy के सह-संस्थापक, अपूर्व ने कहा,

“असल में किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति के लिए सबसे महत्वपूर्ण घटक बैटरी ही है, जो हमेशा सिर्फ आयात निर्भरता के सहारे नहीं रह सकती है। इसलिए हम बैटरी की वास्तविक क्षमताओं के इस्तेमाल और एडवांस बैटरी निर्माण लाने के लिए शुरुआत से तकनीकी इनोवेशन पर काम कर रहे हैं।”

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“बतौर कंपनी हम बैटरी सेगमेंट के भविष्य के महत्व को समझने और भारत में ही वैश्विक सप्लाई चेन स्थापित करने की दिशा में मदद करने के लिए अपने निवेशकों के साथ साझेदारी करके बेहद उत्साहित हैं।”

आपको बता दें Bain and Company की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2030 तक भारत में बेचे जाने वाले सभी वाहनों में से 35-40 प्रतिशत हिस्सेदारी इलेक्ट्रिक वाहनों की होगी।

साल 2030 तक भारत में हर साल लगभग 1 से 1.5 करोड़ नए दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन और 10 लाख नए चार-पहिया इलेक्ट्रिक वाहन बिकते नजर आएँगें।

वहीं कंपनी के सह-संस्थापक, उत्तम कुमार सेन ने कहा

“हमने एक टेक्नोलॉजी प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया है, जो ऊर्जा घनत्व, जीवन चक्र और सुरक्षा जैसे अहम पहलुओं से समझौता किए बिना फास्ट चार्जिंग जैसी चुनौतियों का समाधान पेश करता है। हमारा ये इनोवेशन सभी बैटरी ऐप्लिकेशन्स में इस्तेमाल किया जा सकता है।”

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