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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे: 16 किलोमीटर हिस्से के लिए काट दिए 7,575 पेड़, जानें पूरा मामला?

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे: 16 किलोमीटर हिस्से के लिए काट दिए 7,575 पेड़, जानें पूरा मामला?

  • दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे के लगभग 16 किमी रास्ते के लिए 7575 पेड़ो को काटा गया.
  • आरटीआई एक्टिविस्ट की दायर आवेदन से निकली जानकारियों से पता चला.
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7575 trees cut for Delhi-Dehradun Expressway: पेड़ लगाओ, हरियाली लाओ कहते सुना होगा पर आज का समय ऐसा हो चला है, पेड़ उखाड़ो सड़क बनाओ! यह हम नही एक आरटीआई एक्टिविस्ट की दायर आवेदन से निकली जानकारियों से पता चला है।

दरअसल नोएडा के RTI कार्यकर्ता अमित गुप्ता ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के पास एक आवेदन लगा कर दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे निर्माण में हुए वृक्षों की क्षति,वृक्षों के स्थांतरण, वर्तमान भौतिक स्थिति के संबंधों में जानकारी मांगी थी।

आवेदन के जवाब में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अपने जवाब में जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे के लगभग 16 किमी रास्ते के लिए 7575 पेड़ो को काटा गया हैं, जिसकी भरपाई के लिए 1.76 लाख पेड़ लगाए जानें हैं।

7575 trees cut for Delhi-Dehradun Expressway

सूचना का अधिकार अधिनियम आवेदन के तहत जानकारी देते हुए NHAI ने बताया कि परियोजना के गणेशपुर-देहरादून खंड पर काटे गए 7,575 पेड़ों में 4,983 पेड़ उत्तराखंड राज्य में, जबकि 2,592 उत्तर प्रदेश के थे। इसके अलावा RTI कार्यकर्ता ने वृक्षों के स्थांतरण और उसकी वर्तमान स्थिति को लेकर भी अपने आवेदन में जानकारी मांगी थी, इसमें NHAI के पब्लिक इंफॉर्मेशन अधिकारी और प्रोजेक्ट डायरेक्टर पंकज कुमार मौर्य ने जानकारी में बताया कि परियोजना के दौरान उत्तरप्रदेश में 155 पेड़ों को स्थांतरित किया गया था, जिसमें 121 पेड़ वर्तमान में सुरक्षित बचें हैं।

वन विभाग को किया गया भुगतान

एनएचएआई ने पेड़ों के काटने के लिए उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड वन विभाग को प्रतिपूरक वन राशि के तौर में ₹3.61करोड़ का हर्जाना दिया गया है। इसके साथ 7575 पेड़ों को काटने के एवज में दोनों राज्यों के वन विभाग को प्रतिपूरक वनीकरण योजना के तहत 1,76,050 पेड़ लगाए जाने हैं।

₹12000 करोड़ लागत का एक्सप्रेसवे

दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे, 6 लेन का 212 किलोमीटर लंबा ₹12,000 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। एक्सप्रेसवे के बनने से दिल्ली और देहरादून के बीच की दूरी में लगने वाले समय में ढाई घंटे की कमी आयेगी। इसके बारे में कहा जा रहा है, यह अगले साल तक बन कर पूरी तरह तैयार हो जाएगा, जिसे आम लोग भी फिर उपयोग कर पायेंगे।

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चार खंडों में विभाजित यह नया एक्सप्रेसवे के बारे में कई प्रकार के दावे किए गए है, जिसमे वन्य जीवों के लिए अंडरपास,छोटे वाहनों के लिए अंडरपास, हाथियों के लिए अंडरपास, 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड, 2 प्रमुख पुल, मुहैया करवाई जाएंगी।

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