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Zee-Sony Merger: नहीं होगा कंपनियों का विलय? खतरे में $10 Bn की डील

Zee-Sony Merger: नहीं होगा कंपनियों का विलय? खतरे में $10 Bn की डील

  • सोनी की भारतीय इकाई और जी एंटरटेनमेंट का विलय हो सकता है कैंसिल
  • 24% से अधिक व्यूअरशिप के साथ बनता देश का बड़ा एंटरटेनमेंट नेटवर्क
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Sony Zee Merger Canceled?: एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। असल में सोनी (Sony) और जी एंटरटेनमेंट (Zee Entertainment) के बीच होने वाली मर्जर (विलय) डील रद्द हो सकती है। खबरों के अनुसार, लगभग $10 बिलियन डॉलर की इस प्रस्तावित डील से Sony अब हटने की योजना बना रहा है।

जी हाँ! ब्लूमबर्ग की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 20 जनवरी 2024 से पहले ही Sony इस डील के संबंध में Zee Entertainment को टर्मिनेशन नोटिस भेज सकता है।सूत्रों के हवाले से सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, Sony ने अपनी इंडियन यूनिट को Zee के साथ मर्ज करने के प्रस्तावित समझौते से पीछे हटने का मन बना लिया है।

Sony Zee Merger: क्या थी डील?

आपको बता दें, सोनी ग्रुप कॉर्प और जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड दोनों के पास ही इस मर्जर डील को रद्द कर सकने के लिए एक महीने का ग्रेस पीरियड बचा है। याद दिला दें, साल 2021 में ही Zee ने जापान आधारित Sony Corp. की सहायक कंपनी Sony Pictures Networks India के साथ विलय की घोषणा की थी।

जानकारों के मुताबिक, अगर यह विलय पूरा हो जाता, तो दोनों कंपनियों के मिलने से बनी इकाई लगभग $10 बिलियन (~ ₹83,000 करोड़) की वैल्यूएशन होती। इतना ही नहीं बल्कि 24% से ज्यादा व्यूअरशिप के साथ Sony+Zee भारत का सबसे बड़ा एंटरटेनमेंट नेटवर्क बनता।

गौर करने वाली बात ये भी है कि अगस्त 2023 में तमाम आपत्तियों को खारिज करते हुए NCLT ने Zee और Sony के विलय को मंजूरी दे दी थी। रिपोर्ट की मानें तो दोनों कंपनियों ने इस विलय को लेकर 2021 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, और यह तय किया था कि मर्जर के बाद बनी नई इकाई का नेतृत्व पुनीत गोयनका को सौंपा जाएगा।

पुनीत गोयनका Zee Group के संस्थापक सुभाष च्रंदा के बेटे और कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर यानी सीईओ हैं। लेकिन नियामक जाँच आदि के चलते Sony अब नहीं चाहता कि बतौर सीईओ पुनीत को नई कंपनी की कमान सौंपी जाए।

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क्या था मामला!

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जून 2023 में पुनीत गोयनका और सुभाष चंद्रा के किसी भी कंपनी के बोर्ड में मेंबर बनने को लेकर SEBI ने प्रतिबंध लगा दिया था। इसके पीछे फंड की हेरफेर के मामले में चल रही जाँच को वजह बताया गया था। हालाँकि अक्टूबर में गोयनका SAT में जाकर SEBI का आदेश रद्द करवाने में कामयाब रहे थे।

कहा ये भी जा रहा है कि इस डील को लेकर पिछले दो सालों से मामला फँसा हुआ है, और Sony Zee के साथ कई मामलों पर सहमति नहीं बना पाई है। वैसे फिलहाल यह स्पष्ट कर दें कि Sony या Zee दोनों की ओर से इस डील को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है।

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