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JEE (IIT) और NEET में भी मिलेगा ‘स्पोर्ट्स कोटा’, शिक्षा मंत्री ने दिए संकेत

JEE (IIT) और NEET में भी मिलेगा ‘स्पोर्ट्स कोटा’, शिक्षा मंत्री ने दिए संकेत

  • देश में प्रतिवर्ष 70000 लाख से अधिक छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेते है.
  • सरकार इंजिनियरिंग, मेडिकल कॉलेज तथा अन्य संस्थाओं में खेल कोटा के निर्धारण में विचार कर रही है.
'Sports quota' will be available in JEE (IIT) and NEET

‘Sports quota’ will be available in JEE (IIT) and NEET: आईआईटी जेईई जैसे कॉम्पिटेटिव एक्जाम में बच्चों को पड़ने वाले प्रेशर को कम करने के लिए देश में सरकार इससे संबंधित कॉलेजों में स्पोर्ट्स (खेल) कोटा लागू करने जा रही है।

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राज्यसभा में देश के शिक्षा मंत्री ने प्रश्नकाल में, कोचिंग संस्थानों में छात्रों की आत्महत्या के प्रश्न के उत्तर में राज्यसभा को संबोधित करते हुए कहा, दिल्ली सरकार छात्रों पर प्रवेश प्रकिया के दौरान पड़ने वाले दबाव को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, इसके लिए सरकार विभिन्न उपाय भी कर रही है।

देश में खेलों इंडिया और फिट इंडिया जैसे कार्यक्रम इसी का हिस्सा है, जहा छात्रों को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं।

‘Sports quota’ will be available in JEE (IIT) and NEET

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, परीक्षाओं के दबाव को कम करने के लिए सरकार इंजिनियरिंग, मेडिकल कॉलेज तथा अन्य संस्थाओं में खेल कोटा के निर्धारण में विचार कर रही है।

हालांकि सरकार के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रश्न में चिंता व्यक्त करते हुए सहमति जताई उन्होंने कहा ये घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण है, राजस्थान के कोटा में कोचिंग संस्थानों को लेकर सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के बारे में जानकारी देते हुए राज्य सरकार द्वार उठाए जा रहे कदमों के बारे में सदन को शिक्षा मंत्री ने संबोधित किया।

आपको बता दे, देश में प्रतिवर्ष 70000 लाख से अधिक छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेते है, कि उनका दाखिला किसी अच्छे संस्थान में हो जाए। कई बार सफल न होने की स्थिति में छात्र मानसिक तनाव में आ जाता है, ऐसे छात्रों के लिए परामर्श पोर्टल मनोदर्पण की शुरुवात सरकार द्वारा की  गई है।

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गौरतलब है, कोंचिंग संस्थानों को स्पष्ट निर्देश है, कि कोचिंग संस्थान अपने-अपने छात्रों की समय-समय पर काउंसलिंग करेगी। काउंसलिंग के दौरान अवसाद से प्रभावित छात्रों को चिन्हित कर उनके साथ नियमित काउंसलिंग की जाएगी।

ऐसे छात्रों के मात-पिता से भी बात कर उनकों स्थिति से अवगत कराया जाएगा। यदि छात्र की स्थिति अधिक अवसादग्रस्त है तथा उसके माता पिता सूचना के बाद भी उसे लेने नहीं आते हैं तो तत्काल जिला प्रशासन के संज्ञान में लाया जाएगा। इन सब निर्देशों के बाद भी कोचिंग संस्थानों में छात्रों की आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं।

छात्रों के आत्महत्या के मामले को लेकर राज्यसभा में प्रश्न के दौरान केंद्र सरकार में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उत्तर दिया साथ ही ऐसे मामलों को लेकर दुःख भी व्यक्त किया।

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