दीवाली के पहले किन राज्यों ने पटाखों पर लगाया बैन? क्या हैं नियम? जानें यहाँ!

  • उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के करीब के शहरों नोएडा और गाजियाबाद में पुलिस ने पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।
  • तमिलनाडु राज्य सरकार ने दिवाली के दिन ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति दे दी है।
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State Wise Guidelines For Firecrackers: दीपावली पर्व हिंदुओ का सबसे बड़े त्यौहार के रूप में जाना जाता है, यह एक ऐसा त्यौहार है, जो उजाला रोशनी साथ ही पटाखों की ध्वनि की पर्याय रहा है, इसे सभी बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं, पंरतु साल 2018 में देश की सर्वोच्च न्यायालय ने पटाखों से होने वाले प्रदूषण के चलते इसके उपयोग में बैन लगा दिया था।

अब एक बार फिर शीर्ष अदालत ने पटाखों के उपयोग के संबंध में याचिका की सुनवाई के दौरान स्पष्ट कर दिया है, कोर्ट के द्वारा बनाए गए पूर्व के निर्देशों का पालन सभी को करना होगा। यह गलत धारणा है, कि जब प्रदूषण और पर्यावरण संरक्षण की बात आती है तो यह केवल अदालत का कर्तव्य है। इसके लिए लोगों को आगे आना होगा। वायु और ध्वनि प्रदूषण का प्रबंधन करना हर किसी का काम है।

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2021 में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि पटाखों के उपयोग पर पूरी तरह से कोई प्रतिबंध नहीं है, केवल वो ही पटाखें बैन हैं, जिनमें बोरियम पाया जाता है। कोर्ट के आदेश के बाद देश भर में राज्य सरकारों ने दिवाली के दिन लोगों को कुछ छूट प्रदान करने का फैसला किया, लेकिन निर्दिष्ट किया कि किस प्रकार के पटाखों की अनुमति दी जाएगी।

Firecrackers Guidelines: पंजाब और उत्तर प्रदेश

पंजाब भगवंत मान सरकार ने दिवाली से शुरू होने वाले त्योहारों के मौसम के दौरान ग्रीन पटाखों की बिक्री और फोड़ने की अनुमति दे दी है। पर्यावरण मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि, दिवाली पर रात 8 बजे से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी, गुरुपर्व पर भक्त सुबह 4 बजे से 5 बजे तक और रात 9 बजे से 10 बजे तक पटाखे जला सकते हैं। आदेश में आगे कहा गया है कि क्रिसमस की पूर्व संध्या पर, रात 11.55 बजे से 12.30 बजे तक पटाखों की अनुमति होगी।

नए साल की पूर्व संध्या पर भी इसी नियम का पालन किया जाएगा। मंत्री ने यह भी कहा कि चोरसा माला वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, और इसलिए सभी पटाखों की ऑनलाइन बिक्री होगी।

उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के करीब के शहरों नोएडा और गाजियाबाद में पुलिस ने पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य सरकार ने कहा कि हरित पटाखे बेचने की अनुमति तभी दी जाएगी जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) संतोषजनक स्तर के तहत दर्ज किया जाएगा।

Firecrackers Guidelines: तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल

तमिलनाडु राज्य सरकार ने दिवाली के दिन ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति दे दी है। पिछले कुछ वर्षों में, शिवकाशी में पटाखा निर्माताओं ने बेरियम क्लोराइड से बचते हुए और सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित फार्मूले पर कायम रहते हुए ग्रीन पटाखों का रुख किया है। हालांकि, चुनौती असंगठित क्षेत्र को विनियमित करने की है।

तेलंगाना राज्य हैदराबाद में पुलिस ने दिवाली के दिन केवल दो घंटे के लिए पटाखे फोड़ने की अनुमति दी है। हैदराबाद के पुलिस आयुक्त संदीप शांडिल्य के आदेश में यह भी कहा गया है कि, इन दो घंटों में पटाखों से ध्वनि का स्तर स्वीकार्य सीमा के भीतर होना चाहिए, प्रतिबंध 12 नवंबर (रविवार) को सुबह 6 बजे से लागू होंगे और 15 नवंबर सुबह 6 बजे तक लागू रहेंगे।

महाराष्ट्र राज्य में पटाखे फोड़ने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। बंबई उच्च न्यायालय ने दिवाली के दिन शाम सात बजे से रात 10 बजे तक तीन घंटे पटाखे फोड़ने की अनुमति दी है।

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पश्चिम बंगाल राज्य सरकार ने केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री की अनुमति दी है। दिवाली पर रात 8 बजे से 10 बजे तक और छठ पूजा पर सुबह 6 बजे से 8 बजे तक दो घंटे का समय होगा। क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति रात 11:55 बजे से 12:30 बजे के बीच 35 मिनट के लिए खुली रहेगी।

Firecrackers Guidelines: दिल्ली और जम्मू कश्मीर

दिल्ली सरकार ने सर्दियों में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए एक जनवरी, 2024 तक शहर में हरे पटाखों सहित पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। पुलिस ने हाल ही में दक्षिण दिल्ली के कोटला मुबारकपुर इलाके से 40 किलोग्राम पटाखे जब्त किए और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) और नियंत्रण रेखा (LOC) के पांच किलोमीटर के दायरे में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है।

यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंस की रिपोर्ट में दावा

गौरतलब है, कई रिपोर्ट में पटाखों के फूटने के बाद देश की हवा खराब होने के आंकड़े प्रतुस्त किए गए हैं। चाहें फिर वह फरवरी 2018 में यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंस एंड पॉलिसी का दावा हो या फिर 2021 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट इनमें दर्शाए गए आंकड़ों में ख़ासकर दीपावली के आसपास फूटने वाले पटाखों को लेकर PM और AQI लेवल को लेकर चौकाने वाला डेटा प्रस्तुत किया गया था।

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