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TRAI लाया नए नियम, अब ‘Spam मैसेज व कॉल’ से मिलेगी निजात, जानें कैसे?

TRAI लाया नए नियम, अब ‘Spam मैसेज व कॉल’ से मिलेगी निजात, जानें कैसे?

  • TRAI ने यूजर्स को स्पैम मैसेज व कॉल से राहत प्रदान करने के लिए नई एडवाइजरी जारी की है।
  • सभी टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को 'डिजिटल कन्सेंट एक्वज़िशन' (DCA) नियमों का पालन करना होगा।
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TRAI Digital Consent Acquisition Rule To Curb Spam Messages: आज के समय में स्मार्टफोन लोगों की बुनियादी जरूरतों में शामिल हो चुका है। लेकिन अगर आप किसी भी स्मार्टफोन उपयोगकर्ता से पूछेंगे तो सब एक ‘कॉमन’ समस्या का जिक्र करेंगे, जो है स्पैम या कमर्शियल एसएमएस या वॉयस कॉल।

जी हाँ! फोनों में अचानक आने वाले प्रमोशनल/कमर्शियल या स्पैम एसएमएस या वॉयस कॉल की तादाद इतनी ज़्यादा बढ़ गई है कि यह मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं के लिए एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। और अब इसी से निपटने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने एक बड़ा कदम उठाया है।

असल में ट्राई (TRAI) ने टेलीकॉम वाणिज्यिक संचार ग्राहक वरीयता विनियमन, 2018 के तहत एक निर्देश जारी किया है, जिसमें सभी टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को ‘डिजिटल कन्सेंट एक्वज़िशन’ (Digital Consent Acquisition या DCA) सुविधा के विकास और उसे लागू करने के लिए कहा गया है।

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क्या है TRAI का Digital Consent Acquisition नियम?

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इसी साल जून (02/06/2023) में नए ‘डिजिटल कन्सेंट एक्वज़िशन’ (DCA) नियम का ऐलान किया था और इसके साथ ही देश भर की सभी टेलीकॉम कंपनियों को इन नियमों को लागू करने की प्रक्रिया पर काम शुरू करने के निर्देश दिए गए थे।

जैसा नाम से ही जाहिर है, डिजिटल कन्सेंट एक्वज़िशन’ नियम के तहत प्रमुख संस्थाएँ (PEs) या प्रेषकों (Senders) के लिए किसी प्रकार के कमर्शियल/प्रमोशनल मैसेज भेजनें से पहले उपयोगकर्ताओं की सहमति प्राप्त करना अनिवार्य बना दिया गया है। बताते चलें, यहाँ प्रमुख संस्थाओं या प्रेषकों का मतलब बैंक, वित्तीय संस्थानों, बीमा कंपनियों, व्यापारिक कंपनियों व अन्य तमाम व्यवसायिक संस्थानों से है।

इस DCA सिस्टम का मकसद एक ऐसा एकीकृत प्लेटफॉर्म बनाने से है, जहाँ टेलीकॉम ग्राहक विभिन्न संस्थाओं से कमर्शियल कम्यूनिकेशन (मैसेज या कॉल) प्राप्त करने के लिए डिजिटल रूप से अपनी सहमति दर्ज करवा सकें।

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क्या है मौजूदा सिस्टम?

मौजूदा सिस्टम की बात करें तो फिलहाल कमर्शियल मैसेजों व कॉल आदि के लिए ग्राहकों की सहमति को संस्थान द्वारा अलग-अलग तरीकों से मैनेज किया जाता है। ऐसे में टेलीकॉम कंपनियों के लिए कमर्शियल मैसेज व कॉल हेतु व्यवसायिक संस्थानों द्वारा प्राप्त की गई ग्राहक सहमति की प्रामाणिकता को सत्यापित बहड चुनौतीपूर्ण बन जाता है।

ऐसे में ग्राहक जानें-अनजानें में कमर्शियल मैसेज व कॉल को लेकर अपनी सहमति दे देते हैं, और ना चाहते हुए भी उन्हें ऐसे स्पैम कम्यूनिकेशन का सामना करना पड़ता है।

कैसे काम करेगा ‘डिजिटल कन्सेंट एक्वज़िशन’ (DCA) सिस्टम?

  • नए नियमों के मुताबिक, स्पैम मैसेज व कॉल से राहत देने के लिए टेलीकॉम ग्राहकों को सहमति देने, बनाए रखने या उसको रद्द करने का स्पष्ट विकल्प प्रदान किया जाएगा।
  • सभी टेलीकॉम एक्सेस प्रदाताओं द्वारा गहन जाँच के लिए सहमति संबंधित डेटा को इस्टॉल डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) प्लेटफॉर्म पर साझा किया जाएगा।
  • साथ ही टेलीकॉम कंपनियाँ एक एसएमएस और ऑनलाइन सुविधा की भी पेशकश करेंगीं, जिसके जरिए ग्राहक सहमति को रद्द करने के बारे में सूचित कर सकते हैं।

क्या है समयसीमा?

‘डिजिटल कन्सेंट एक्वज़िशन’ (DCA) सिस्टम को लागू करने के लिए 30 नवंबर तक की समयसीमा तय की गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके बाद किसी भी तरह की सहमति को रद्द माना जाएगा, सिर्फ DCA के तहत दी गई सहमति ही वैध होगी।

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