Nokia देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक IISc बेंगलुरु में बनाएगा ‘रोबोटिक्स लैब’

5G के दौर का स्वागत करने के लिए अब तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं और इसमें हर कोई अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना चाह रहा है। और अब इसी सिलसले में भारत में कभी फ़ोन का दूसरा नाम बन चुकी Nokia ने भी क़दम बढ़ा दिए हैं।

दरसल कंपनी के एक हालिया बयान के अनुसार Nokia अब देश में 5G और अन्य उभरती तकनीकों पर रिसर्च आदि के लिए Indian Institute of Science (IISc), बेंगलुरु में एक ‘रोबोटिक्स लैब’ स्थापित करने जा रहा है।

Nokia Center of Excellence (CoE) असल में रोबोटिक्स, बेहतर कम्यूनिकेशन तकनीक और आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स (AI) से संबंधित रिसर्च को बढ़ावा देगा, जो आपातकालीन प्रबंधन, कृषि और इंडस्ट्री ऑटोमेशन जैसे क्षेत्र में मददगार साबित होंगी।

कंपनी ने अपने बयान में कहा;

“Nokia विज्ञान और इंजीनियरिंग में रिसर्च और उच्च शिक्षा के लिए देश के अग्रणी संस्थान, Indian Institute of Science (IISc) के साथ अपनी साझेदारी अपनी ऐलान कर रहा है, ताकि नेटवर्क और रोबोटिक्स के क्षेत्र में Nokia Center of Excellence (CoE) और भी बेहतर रूप से आगे बढ़ सके। इसके साथ ही यह सेंटर विभिन्न उपयोग मामलों के रिसर्च और विकास में शिक्षा, स्टार्ट-अप और इंडस्ट्री आदि के बीच भागीदारी को भी बढ़ावा देगा।”

दरसल उपयोग के लिहाज़ से इसका यह क़दम कृषि संरक्षण प्रबंधन के लिए ड्रोन के उपयोग और जल संरक्षण को बढ़ावा देने और कीटनाशक के साथ मानव संपर्क को कम करने और साथ ही 5G सक्षम ड्रोन के ज़रिए क्षेत्र की सभी अहम जानकारी इकट्ठा करने में मदद करेगा। इतना ही नहीं बल्कि आपदा आदि में राहत के दौरान प्रभावित क्षेत्रों तक पहुँच के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकेगा।

इस बीच कंपनी की ओर से यह भी कहा गया कि;

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“Nokia CoE एक अत्याधुनिक नेटवर्क रोबोटिक्स लैब है जो बेहतरीन रिसर्च योजनाओं के लिए IISc कम्यूनिटी और उसके ईकोसिस्टम को भागीदारी का मौक़ा देगी, जिससे अगली पीढ़ी के नेटवर्क और आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स के साथ कई सामाजिक समस्याओं को हल किया जा सके।”

इस बीच संस्थान के साथ इस साझेदारी में Nokia अपने नेटवर्क इनोवेशन की विशेषज्ञता साझा करने के साथ ही साथ Nokia Bell Labs के ज़रिए रोबोट ऑर्केस्ट्रेशन, रोबोट नेटवर्क कंट्रोल और मानव-रोबोट इंटरैक्शन आदि तकनीकों का का भी उठाने का मौक़ा देगा।

वहीं IISc अपने क्रॉस-डिसिप्लिनरी फैकल्टी और रिसर्चर्स को इस काम में शामिल करेके कई एल्गोरिदम, ड्रोन और रोबोटिक सिस्टम को लेकर अपनी इन-हाउस ख़ूबियों को इस्तेमाल करने का मौक़ा देगा।

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