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क्या है Zombie Drug? क्यों इस देश को लगाना पड़ा राष्ट्रीय आपातकाल, जानें यहाँ!

क्या है Zombie Drug? क्यों इस देश को लगाना पड़ा राष्ट्रीय आपातकाल, जानें यहाँ!

  • 'जोंबी' ड्रग लत की चलते देश में 2020 से 23 के बीच मनोरोग अस्पताल में मरीजों की संख्या में 4000% इजाफा.
  • ड्रग माफिया इसे बनाने के लिए कब्र ग्राहो से कंकाल की चोरी कर रहे हैं.
Emergency imposed in the country due to zombie drug

Emergency imposed in the country due to zombie drug: पश्चिमी अफ्रीकी देश सिएरा में एक बड़ी आपदा आई है, यह अपादा प्राकृतिक नही मानव निर्मित कही जा सकती है। दरअसल सिएरा में ड्रग की लत के लोगों की संख्या में इज़ाफे ने देश के अस्तित्व में संकट खड़ा कर दिया है।

जी हा! देश के लोगों के बीच साइकोएक्टिव ड्रग की लत ने कब्रगाह से मुर्द्दा खोदने में मजबूर कर दिया है। स्थानीय सरकार ने कब्रगाह की सुरक्षा के लिए पुलिस को तैनात कर दिया है।

दरअसल सिएरा में लोगों को साइकोएक्टिव ड्रग की लत इस कदर लग चुकी है, इसकी पूर्ति के लिए वह कब्र खोद कर मुर्दा निकलने से भी पीछे नहीं हट रहे है। आपको बता दे, साइकोएक्टिव ड्रग को बनाने के लिए मुर्दे की हड्डी का प्रयोग किया जाता है।

ऐसे में इस ड्रग की पूर्ति के लिए इसे बनाने वाले तस्कर देश के कब्रगाहों से मुर्दे खोद रहे है, ड्रग माफिया के साथ ड्रग के लत का शिकार व्यक्ति भी इसी प्रकार मुर्दों की हड्डियों के लिए कब्रगाह में पकड़े जा रहे हैं। स्थानीय सरकार ने फ्रीटाउन में पुलिस अधिकारी को ‘जोंबी’ ड्रग (Zombie Drug) को बनाने के लिए कब्रों को खोदने की कोशिश करने वाले लोगों को रोकने के लिए कब्रिस्तानों की सुरक्षा के लिए लगाया है।

क्या होता है, ‘जोंबी’ ड्रग?

पश्चिमी अफीक्री देश सिएरा में यह ड्रग्स 6 साल पहले प्रकाश में आया था, इसकी लत लगने के बाद व्यक्ति एक बेहद ही खरतनाक स्थिति में पहुंच जाता है। आउटलेट के मुताबिक, इस ड्रग से एक हिपनोटिक हाई उत्पन्न होता है, जो इसके उपयोगकर्ता को एक बेहद गंभीर स्थिति में भेज देता है, इसके सेवन और लत के शिकार देश में आम लोगों की संख्या बढ़ने से देश में (Emergency imposed in the country due to zombie drug) स्थिति बेहद गंभीर स्तर में पहुंच चुकी है। ड्रग माफिया इसे बनाने के लिए कब्र ग्राहो से कंकाल की चोरी कर रहे हैं।

टास्क फोर्स का गठन

सिएरा लियोन के राष्ट्रपति जूलियस माडा बायो ने कहा,

“हमारा देश वर्तमान में नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों के सेवन, विशेष रूप से सिंथेटिक ड्रग कुश के प्रभाव के कारण अस्तित्व के खतरे का सामना कर रहा है।”

उन्होंने कहा, “नशीली दवाओं के उपयोगकर्ताओं के बीच “मृत्यु दर में वृद्धि” हई है। ऐसी स्थिति में नशे को खात्मे के लिए एक टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है। सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए हर जिले में ऐसे केंद्र बनाने जा रही है , जहां नशे की लत से पीड़ित लोगों की देखभाल और सहायता करने के लिए प्रशिक्षित पेशेवरों का पर्याप्त स्टाफ होगा।

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नशे की लत के शिकार मनोरोगी की संख्या मे इज़ाफा

इस संबंध में आउटलेक की एक रिपोर्ट में स्थानीय डॉक्टरों के सूत्र के हवाले से बताया गया है कि नशे की लत में चपेट में आए लोगों की ऑर्गन फेलियर के कारण मौत हुई है। ‘जोंबी’ ड्रग या kush ड्रग के लत की चलते देश में 2020 से 23 के बीच मनोरोग अस्पताल में मरीजों की संख्या में 4000% इजाफा हुआ है।

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गौरतलब हो, इस गंभीर समस्या के चलते देश में आपात काल की घोषणा की जा चुकी है। जिसे स्वास्थ्य विशेषज्ञ सही कदम बता रहे है। हालांकि सरकार ने इस अतरंगी ड्रग्स के सेवन से मारें गए लोगों की आधिकारिक जानकारी साझा नही की है लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट में इसकी संख्या और लत के शिकार लोगों ने पूरे देश में एक डर के माहौल को पैदा करने वाला बताया है।

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