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Mid-Smallcap की गिरावट से हिला बाजार, SEBI ने जताई की चिंता

Mid-Smallcap की गिरावट से हिला बाजार, SEBI ने जताई की चिंता

  • मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स की हालत ख़राब
  • ICICI Pru AMC ने भी लिया एक बड़ा फैसला
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Mid-Smallcap Share Market Stocks Stress After SEBI Warning: भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर स्थिति बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती है। मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में दर्ज की जा रही गिरावट तमाम निवेशकों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है। आज (13 मार्च) को इस गिरावट में और तेजी रही। जानकारों के अनुसार, इस वक्त भारत के शेयर बाजार में स्मॉल कैप शेयरों में बिकवाली का जबरदस्त दबाव साफ देखा जा सकता है।

स्मॉल कैप और मिड कैप स्टॉक्स की कीमतें कमजोर पड़ती हुई, लाल निशान की तरफ बढ़ रही हैं। हालात ऐसे हैं कि निफ्टी का मिडकैप इंडेक्स 1730 अंक यानी लगभग 3.61% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। वहीं निफ्टी का स्मॉलकैप इंडेक्स 676 अंक गिरता दिखाई दिया। नजर BSE पर डालें तो इसमें स्मॉलकैप इंडेक्स 1824 और मिडकैप इंड़ेक्स 1382 अंक नीचे गिरकर ट्रेड कर रहे हैं।

Mid-Smallcap Share Market Stocks Stress

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, BSE के स्मॉल कैप इंडेक्स में 19 फरवरी के बाद से लगभग 80% से अधिक शेयरों से नेगेटिव रिटर्न ही मिल रहा है। इसमें सबसे अधिक असर SEBI प्रमुख के हालिया बयान का बताया जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो BSE स्मॉल कैप स्टॉक्स संबंधित 945 शेयरों में से लगभग 485 में बीते 3 सप्ताह में लगभग 10% तक की गिरावट दर्ज की गई। वहीं लगभग 244 शेयरों में ये आँकड़ा 20%, जबकि 46 शेयरों के लिए 20% से भी अधिक रहा।

ICICI Pru AMC का बड़ा फैसला

इन सब के बीच दिग्गज ICICI Pru AMC ने एक बड़ा फैसला किया है, जो मिडकैप और स्‍मॉल कैप फंड्स में निवेश से ही संबंधित है। इस कंपनी ने मिडकैप और स्मॉलकैप फंडों में एकमुश्‍त निवेश को बंद करने की घोषणा की है। इतना ही नहीं बल्कि कंपनी की ओर से SIP और STP के जरिए निवेश कर सकने पर भी लिमिट लगा दी गई है।

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गौर करने वाली बात ये है कि ICICI Pru AMC से पहले SBI MF, Tata MF जैसे कुछ और भी फंड हाउस ने स्मॉल-मिड कैप स्कीमों में निवेश लेने पर प्रतिबंध लगाया है।

SEBI की राय

असल में भारत के शेयर बाजार नियामक SEBI की ओर से स्मॉल कैप और मिड कैप शेयरों के बढ़ते वैल्यूएशन पर चिंता जताई गई थी। इसके बाद से ही कई स्मॉल कैप शेयरों में अन्य तमाम कारणों के साथ और अधिक गिरावट दर्ज की जाने लगी। जानकार कहते हैं कि सेगमेंट में लिक्विडिटी का आभाव निवेशकों की चिंता का प्रमुख कारण है।

हाल में ही SEBI चीफ के मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स बबल वाले बयान के बाद से स्थिति और गंभीर होती जा रही है। हाल में स्मॉल कैप और मिडकैप स्कीम में बुलबुले जैसी बात कही गई थीं। इनके प्रति आगाह करते हुए SEBI प्रमुख ने कहा था कि म्युचुअल फंड स्मॉल कैप और मिड कैप स्कीम में निवेश करते समय इन्वेस्टर के हितों को सबसे ऊपर रखना चाहिए।

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