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होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन की SEBI से माँग, “OYO का IPO किया जाए रद्द”

होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन की SEBI से माँग, “OYO का IPO किया जाए रद्द”

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OYO IPO News: अपने IPO के ऐलान के बाद से ही OYO किसी ना किसी विवाद का सामना कर रहा है। और अब इसी कड़ी में फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) ने बाजार नियामक SEBI को एक पत्र लिखकर OYO के ड्राफ़्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) को खारिज करने और कंपनी के IPO को सस्पेंड करने की माँग की है।

असल में SEBI को लिखे अपने इस पत्र में, FHRAI ने दावा किया है कि OYO की पैरेंट कंपनी Oravel Stays ने ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस को गलत ढंग से तैयार किया है, ताकि कंपनी बाज़ार में अपनी स्थिति का दुरुपयोग करते हुए प्रतिस्पर्धी-विरोधी, धोखाधड़ी वाले सौदे और गलत व्यावसायिक प्रथाओं को अपनाते हुए काम कर सके।

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आपको बता दें OYO ने 1 अक्टूबर को IPO के ज़रिए ₹8,430 करोड़ जुटाने के लिए SEBI में अपना ड्राफ़्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दायर किया था।

वैसे IPO प्लान के पहले भी कुछ होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन समय समय पर OYO द्वारा गलत तरीक़े से बिज़नेस करने के कथित आरोप लगाते रहें हैं।

OYO IPO News: FHRAI  urges SEBI to suspend Oyo’s IPO

लेकिन अब TNM की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, FHRAI ने OYO की पैरेंट कंपनी द्वारा दायर किए गए DRHP को लेकर ये आरोप लगाया है कि कंपनी ने इसमें कुछ अहम विवादित मामलें, जो मौजूदा समय में अदालत में हैं, उनको लेकर अपर्याप्त जानकारियों का खुलासा किया था।

FHRAI के मुताबिक़ Oravel Stays प्रतिस्पर्धा-रोधी बिज़नेस प्रथाओं मेंको अपनाता रहा है और फ़िलहाल भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा इन मामलों की जाँच की जा रही है।

लिखे गए पत्र में ये भी सामने रखा गया कि CCI ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद ये पाया था कि प्रथम दृष्टया में प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के उल्लंघन की बात सामने आई है, जिसको लेकर जाँच शुरू की जानी चाहिए और इसलिए महानिदेशक को जांच करने का निर्देश दिया गया था।

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Source: Oyo Website

लेकिन विवाद ये है कि FHRAI के अनुसार, DRHP में Oravel Stays ने सिर्फ़ CCI द्वारा कंपनी पर लगाए जा सकने वाले दंड की संभावना का खुलासा किया है, लेकिन इस बात का ख़ुलासा नहीं किया कि CCI के पास ये भी अधिकार है कि वह कंपनी को कुछ व्यवहारिक परिवर्तन करने के निर्देश भी दे सकता है, जो पूरी तरह से कंपनी को परेशानी में डाल सकता है।

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FHRAI ने बाजार नियामक SEBI को ये भी बताया कि कंपनी ने बड़ी संख्या में संविदात्मक भुगतान दायित्वों से बचने का प्रयास किया है, जो कि कोविड-19 जैसी अप्रत्याशित स्थिति के चलते उन होटलों के प्रति जवाबदेही आदि का हिस्सा है।

कहा तो ये भी जा रहा है कि OYO ने दायर किए गए DRHP में इस बात का भी खुलासा नहीं किया है कि क़रीब 113 दावेदारों ने ₹160 करोड़ से अधिक के बकाए के लिए अंतरिम समाधान पेशेवर के पास अपने दावे दायर किए थे।

OYO vs Zostel Controversy 

दिलचस्प ये है कि FHRAI का यह कदम ऐसे वक़्त में आया है जब इसी महीने Zostel ने भी बाजार नियामक SEBI से OYO IPO पर रोक लगाने की माँग की है। Zostel और OYO के बीच चल रही मुक़दमेबाज़ी के संबंध में इसको लेकर तर्क यह दिया गया है कि कंपनी की पूंजी संरचना को अभी अंतरिम रूप नहीं दिया गया है और इसलिए ऐसे में DRHP दाखिल करना अवैध है।

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