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प्राण-प्रतिष्ठा से पहले राममंदिर में प्रायश्चित पूजा, माँगी जाएगी माफी, जानें कारण!

प्राण-प्रतिष्ठा से पहले राममंदिर में प्रायश्चित पूजा, माँगी जाएगी माफी, जानें कारण!

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Prayashchit Puja Before Pran Pratishtha in Ram Mandir Ayodhya: आज (16 जनवरी) से उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ अनुष्ठान का शुभारंभ हो गया है, यह आयोजन 22 जनवरी तक चलेगा। लेकिन इस पूजन कार्यक्रम की शुरुआत ‘प्रायश्चित पूजा‘ के साथ की जा रही है।

जी हाँ! सही सुना आपने प्रायश्चित पूजा, जिसके तहत प्रभु श्री राम से माफी माँगी जाएगी। इस प्रायश्चित पूजा से ही प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का विधवत आगाज होगा। लेकिन आपमें से शायद बहुत से लोगों के मन में यह सवाल हो कि आखिर यह ‘प्रायश्चित पूजा’ क्या है और इसके आयोजन के क्या मायनें होते हैं। तो आइए आपके इन्हीं सवालों के जवाब जानते हैं!

LIVE: Prayashchit Puja in Ram Mandir (Ayodhya)

मंगलवार (16 जनवरी) को सुबह 9:30 बजे शुभ मुहूर्त के साथ आयोध्या के राम मंदिर में प्रायश्चित पूजा शुरू की गई, जो लगभग अगले 5 घंटे में संपन्न होगी। इस दौरान 121 ब्राह्मण इस प्रायश्चित पूजन में भागीदारी करेंगे।

इस प्रायश्चित पूजा के साथ शारीरिक, मानसिक और बाह्य स्वरूपों में प्रायश्चित किया जाता है। धार्मिक जानकारों के मुताबिक प्रायश्चित पूजा का असल मतलब है कि प्रभु की मूर्ति और उनका मंदिर बनाने के लिए छेनी, हथौड़ी आदि के इस्तेमाल के चलते पहुँचाई गई चोटों के लिए माफी माँगना या इसका प्रायश्चित करना।

इस पूजा के पीछे की मूल भावना यही है कि प्रभु की मूर्ति और मंदिर के निर्माण के दौरान जाने अनजाने में जो भी पाप हुआ हो, भगवान के सामने उसका प्रायश्चित किया जाने और प्रभु उसके लिए माफी प्रदान करें। इसी लिए ‘प्राण प्रतिष्ठा’ अनुष्ठान की शुरुआत प्रायश्चित पूजा और कर्म कुटी पूजा के साथ की जा रही है।

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प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान (7 दिनों का कार्यक्रम):

▶︎ 16 जनवरी: प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन की विधि के साथ रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की शुरुआत

▶︎ 17 जनवरी: रामलला की प्रतिमा का मंदिर परिसर में प्रवेश

▶︎ 18 जनवरी: प्रभु श्री राम की प्रतिमा का पहली बार गर्भगृह में प्रवेश साथ ही तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास, आधिवास आदि आयोजन

▶︎ 19 जनवरी: औषधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास होगा के साथ ही शाम को धान्यधिवास कार्यक्रम

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▶︎ 20 जनवरी: सुबह शर्कराधिवास, फलाधिवास के साथ शाम को पुष्पाधिवास विधि

▶︎ 21 जनवरी: सुबह मध्याधिवास तो शाम को सैय्याधिवास विधि का आयोजन और हवन के साथ 125 कलशों से रामलला की प्रतिमा के स्नान की विधि

▶︎ 22 जनवरी: सुबह 10 बजे सांस्कृतिक/मांगलिक कार्यक्रम के साथ दोपहर में मृगशिरा नक्षत्र में रामलला की मूर्ति की गर्भगृह में स्थापना

मौजूद होंगी तमाम हस्तियाँ

22 जनवरी को हो रहे प्राण प्रतिष्ठा आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, रामजन्म भूर्मि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सभी ट्रस्टी और 150 परंपराओं के धर्माचार्य उपस्थित रहेंगे।

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