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भारत में ‘वन नेशन, वन आईडी’ की तर्ज पर छात्रों को मिलेंगे विशेष APAAR कॉर्ड?

भारत में ‘वन नेशन, वन आईडी’ की तर्ज पर छात्रों को मिलेंगे विशेष APAAR कॉर्ड?

  • शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत 'ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडेमिक अकाउंट रजिस्ट्री'(APAAR) नामक स्टूडेंट आईडी तैयार करने की योजना बनाई है।
  • सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को छात्रों के लिए यह आईडी बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
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Govt Plans ‘One Nation, One ID’ – APAAR Card – For Students: भारत सरकार अब देश भर के छात्रों को एक ‘विशिष्ट पहचान संख्या’ के साथ विशेष ‘आईडी कॉर्ड’ से लैस करने का मन बना रही है। यह स्कूल और कॉलेज स्तर के सभी छात्रों के लिए होगा।

हालाँकि इसकी शुरुआत फिलहाल स्कूल स्तर से की जाएगी, जिसके लिए सबसे पहले छात्रों के अभिभावकों की सहमति की आवश्यकता होगी। यह काम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का ही एक हिस्सा बताया जा रहा है।

इसके तहत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ‘वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी’ की तर्ज पर प्री-प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक के सभी छात्रों के लिए ‘ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (APAAR)’ नामक स्टूडेंट आईडी तैयार करने की योजना बनाई है।

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गौर करने वाली बात ये है कि देश के अन्य नागरिकों की तरह हर छात्र के पास 12 अंकों की यूनिक पहचान संख्या वाली ‘आधार कॉर्ड’ आईडी मौजूद है। लेकिन जल्द उनके पास अब एक और विशिष्ट पहचान संख्या होगी।

APAAR Card For Students? – क्या होगा खास?

सामने आ रही जानकारी के अनुसार, हर छात्र के लिए बनाए जाने वाले APAAR आईडी में कार्ड उस छात्र की पूरी जानकारी होगी, जिसमें नाम, पता, जन्मतिथि, फोटो, खेलकूद की गतिविधियां, स्कॉलरशिप, ओलिंपियाड, स्पोर्ट्स या स्किल ट्रेनिंग से संबंधित अवार्ड व उपलब्धियाँ आदि शामिल होंगे। हम कह सकते हैं कि APAAR आईडी एक छात्र के लिए आजीवन यूनिक आईडी नंबर के रूप में उपलब्ध होगी, जिससे उसके शैक्षणिक रिकॉर्ड और उपलब्धियों को ट्रैक किया जा सकेगा।

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Aadhaar आईडी के दौरान लिए गए डेटा को ही APAAR आईडी का आधार माना जाएगा। इससे सभी मोर्चों पर काफी सहूलियत मिलेगी, क्योंकि पहले से ही तमाम स्कूलों के लिए पोर्टल पर छात्रों के Aadhaar विवरण को अपडेट करना बड़ी चुनौती बन कर सामने आई है।

डेटा प्राइवेसी का मुद्दा?

डेटा प्राइवेसी के लिहाज से देखें तो सरकार ने यह भरोसा दिलाया है कि इस नई आईडी के लिए सबसे पहले तो अभिभावकों की सहमति जरूरी होगी, साथ ही डेटा की गोपनीयता बरकरार रखते हुए, इसे सिर्फ आवश्यक जगहों पर सरकारी एजेंसियों के साथ साझा किया जाएगा।

सहमति के बाद इसे सेंट्रल यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस पोर्टल पर अपलोड करना स्कूल की जिम्मेदारी होगी। दिलचस्प रूप से सहमति देने वाले अभिभावकों के पास इसे किसी भी समय वापस ले सकने का भी विकल्प मौजूद होगा।

शिक्षा मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को छात्रों के लिए APAAR आईडी बनाने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साथ ही शैक्षणिक संस्थानों को APAAR आईडी का महत्व समझाने के लिए 16 से 18 अक्टूबर के बीच अभिभावकों और शिक्षकों की मीटिंग आयोजित करने के लिए भी कहा गया है।

संभावित लाभ

APAAR आईडी नामक छात्रों को मिलने वाली इस विशिष्ट पहचान संख्या की मदद से उनके लिए एक स्कूल से दूसरा स्कूल या कॉलेज बदलना आसान हो जाएगा। इतना ही नहीं बल्कि संस्थानों को भी छात्रों के रिकॉर्ड तैयार करने व अन्य कामों में सहूलियत मिलेगी। साथ ही पढ़ाई छोड़ने या शामिल होने वाले नए छात्रों को ट्रैक करने में भी मदद मिल सकेगी।

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