मणिपुर इंटरनेट बैन: अब 16 अक्टूबर तक जारी रहेगा प्रतिबंध

  • मणिपुर में इंटरनेट बैन 5 दिनों के लिए बढ़ाया गया, अब प्रतिबंध 16 अक्टूबर तक जारी रहेगा।
  • साथ ही राज्य सरकार ने हिंसा से जुड़े वीडियो-फोटो शेयर करने पर रोक लगा दी है।
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Manipur Ban Mobile Internet Service Till October 16: पिछले कई महीनों से मणिपुर में भड़की हिंसा फिलहाल थमती नजर नहीं आ रही है। राज्य में लगातार बढ़ते तनाव के चलते लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हिंसा पर काबू पाने के लिए सरकार भी मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध जैसे तमाम कदम उठा रही है, लेकिन हालातों में कुछ सुधार होता दिखाई नहीं पड़ रहा।

शायद यही वजह है कि मणिपुर सरकार ने बुधवार को मोबाइल इंटरनेट सर्विस पर जारी बैन की अवधि अगले पांच दिनों के लिए बढ़ा दी है। इसका मतलब ये है कि राज्य में अब 16 अक्टूबर तक मोबाइल इंटरनेट सर्विस पर लगा प्रतिबंध जारी रहेगा। इसकी जानकारी सरकार की ओर से जारी की गई एक आधिकारिक अधिसूचना में दी गई है।

अधिसूचना में मणिपुर सरकार के गृह विभाग की ओर से कहा गया है कि राज्य में हिंसक गतिविधियों को रोकने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। राज्य सरकार के मुताबिक;

“राष्ट्र-विरोधी और असामाजिक तत्वों द्वारा हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा देने के प्रयासों को विफल करने और शांति व सांप्रदायिक सद्भाव को पुनः स्थापित करने के उद्देश्य के साथ यह निर्णय लिया गया है।”

राज्य के गृह विभाग सचिवालय का साफ कहना है कि तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मो का इस्तेमाल करके दुष्प्रचार और अफवाहों को फैलाने की कोशिश की जा रही है, ऐसे में राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसे पर्याप्त कदम उठाए जाने की जरूरत है।

Manipur Internet Ban: क्या है मामला?

याद दिला दें राज्य में 3 मई को व्यापक रूप से हिंसा भड़कने के बाद, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने मोबाइल इंटरनेट सर्विस पर बैन लगा दिया गया था। लेकिन बाद में 23 सितंबर को पुनः सेवाएँ बहाल कर दी गई थीं। पर कुछ ही समय में दो लापता छात्रों की हत्या की खबर और उनके शवों की तस्वीरें वायरल होने के बाद, स्थिति फिर तनावपूर्ण हो गई थी।

प्रशासन के मुताबिक, बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर उतर आए थे। इस दौरान छात्रों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें भी देखने को मिली थी। मामला इतना बिगड़ गया कि इंफाल सीएम सचिवालय से करीब 200 मीटर की दूरी पर भी पुलिस और छात्र आमने-सामने आ गए थे, जिसके बाद ही पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के इरादे से आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल भी करना पड़ा था। हालातों को देखते हुए, 26 सितंबर को इंटरनेट सर्विस पर वापस से प्रतिबंध लगा दिया गया था।

हिंसा से जुड़े वीडियो-फोटो शेयर करने पर रोक

इस बीच राज्य सरकार ने अपने एक नए आदेश में कहा है कि हिंसा से संबंधित वीडियो या फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। शांति स्थापित करने के मकसद से ऐसे कंटेंट शेयर करने पर पाबंदी लगा दी गई है। राज्य सरकार की मानें तो हिंसा की तस्वीरें और वीडियो सर्कुलेट कर, माहौल को भड़काने वाले लोगों पर मामला दर्ज करते हुए, उचित कार्यवाई की जाएगी।

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राज्य सरकार के अनुसार,

“हिंसा से जुड़े फोटो और वीडियो को बहुत गंभीरता और संवेदनशीलता से लेना चाहिए। ऐसी चीज साझा करने से दोबारा भीड़ इकट्ठा हो सकती है। ऐसे में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है और सरकारी संपत्ति या जान-माल का नुकसान होने की संभावना होती है।”

इसलिए राज्य में दोबारा शांति बहाल करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में ऐसे वीडियो-फोटो को साझा करने पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया गया है।

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