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सरकार की कार्रवाई से घबराकर दूसरे देशों में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की तैयारी कर रही चीनी कंपनियाँ – रिपोर्ट

सरकार की कार्रवाई से घबराकर दूसरे देशों में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की तैयारी कर रही चीनी कंपनियाँ – रिपोर्ट

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Chinese firms vs India Govt: बीतें कुछ समय में भारत सरकार की ओर से लगातार चीनी कंपनियों पर बढ़ती कार्यवाई से जहाँ एक ओर कई अनियमिताओं से पर्दा उठने की बात सामने आ रही है, वहीं जाहिर तौर पर चीनी स्मार्टफोन कंपनियों के लिए अब ये एक चिंता का सबब भी बनता जा रहा है।

शायद यही वजह है कि अब ये चीनी स्मार्टफोन कंपनियों ने अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स को भारत के बाहर अन्य देशों में शिफ्ट करने का मन बनाया है।

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जी हाँ! Global Times की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी कंपनियों पर भारत सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाईयों को तेजी से बढ़ता देख, अब कई चीनी स्मार्टफोन ब्रांड्स ने अपने नए मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भारत में खोलने के बजाए, मिस्र, इंडोनेशिया, बांग्लादेश और नाइजीरिया जैसे देशों में स्थापित करने का मन बनाया है।

Chinese smartphone firms plan to start manufacturing out of India?

सामने आई इस रिपोर्ट में भारत में कार्यरत एक चीनी आधिकारी का हवाला देते हुए यह कहा गया है कि चीन भी कंपनियाँ अब अपने नए मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने से पहले संबंधित देश के साथ द्विपक्षीय संबंधों, वहाँ की बाजार क्षमता, पॉलिसी और श्रम लागत जैसे तमाम आयामों का मूल्यांकन करेंगी।

ये इसलिए भी और दिलचस्प हो जाता है क्योंकि हाल में दिग्गज स्मार्टफोन ब्रांड Oppo ने मिस्र में अपना नया मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने का फैसला किया है, जिसकी लागत अनुमानित रूप से $20 मिलियन तक बताई जा रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, चीनी कार्यकारी ने कहा कि Oppo द्वारा स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए मिस्र सरकार के साथ किया गया समझौता काफी अहम साबित हो सकता है।

कुछ ही दिन पहले, मिस्र सरकार के मंत्रिपरिषद ने भी इस संबंध में दिए गए सार्वजनिक बयान में बताया था कि Oppo के नए प्लांट की उत्पादन क्षमता सालाना तौर पर 4.5 मिलियन यूनिट तक का उत्पादन करने की होगी।

इस बात को भी रेखांकित किया गया कि इस निवेश के चलते अगले तीन से पांच सालों में वहाँ लगभग 900 रोजगार के अवसर पैदा हो सकेंगें।

हम सब जानते हैं कि भारत में पिछले कुछ साल चीनी कंपनियों के लिहाज से काफी कठिन रहे हैं। भारत ने तमाम चीनी कंपनियों की कथित संदिग्ध गतिविधियों आदि को अपनी कार्रवाई में तेजी लाई है।

इतना ही नहीं बल्कि भारत सरकार की एजेंसियाँ तीन दिग्गज चीनी स्मार्टफोन कंपनियों – Oppo, Vivo India और Xiaomi के ख़िलाफ कथित टैक्स चोरी संबंधित मामलों की जांच भी कर रही है। इस क्रम में भारत का राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) कुछ कंपनियों को टैक्स चोरी के लिए नोटिस भी जारी कर चुका है।

साथ ही भारत सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए, बीते लगभग 2 सालों में 300 से अधिक लोकप्रिय मोबाइल ऐप्स जैसे TikTok, WeChat आदि को देश में बैन कर चुका है, जिसको लेकर दोनों देशों में तल्खी भी बढ़ती नजर आई थी।

लेकिन भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफ़ैक्चरिंग क्षेत्र की एक सुखद तस्वीर भी बनती नजर आ रही है। भारत अपनी पीएलआई जैसी स्कीम व अन्य पॉलिसी के साथ Apple जैसी दिग्गज कंपनियों को भारत में मैन्युफ़ैक्चरिंग के लिए प्रोत्साहित भी करने की कोशिश कर रहा है।

हाल में ही हमनें देखा कि सेमीकंडक्टर मैन्युफ़ैक्चरिंग के क्षेत्र में एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए, लगभग ₹1.54 लाख करोड़ के निवेश के साथ गुजरात में वेदांता (Vedanta) और फॉक्सकॉन (Foxconn) ने साथ आकर सेमीकंडक्टर निर्माण की पहल करी है।

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वहीं कुछ दिनों पहले के और रिपोर्ट सामने आई, जिसके मुताबिक देश की सबसे प्रतिष्ठित कंपनियों में से एक Tata Group ने कथित रूप से भारत में iPhones का उत्पादन शुरू करने के लिए ताइवान की कंपनी Wistron के साथ वार्ता शुरू की है।

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