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PolicyBazaar के सीईओ के मुताबिक़ SoftBank व अन्य से भारी निवेश हासिल करना साबित हुई एक ‘बड़ी ग़लती’

PolicyBazaar के सीईओ के मुताबिक़ SoftBank व अन्य से भारी निवेश हासिल करना साबित हुई एक ‘बड़ी ग़लती’

भारत के नामी ऑनलाइन इंश्योरेंस एग्रीगेटर PolicyBazaar के सीईओ यशिश दहिया ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि Softbank जैसे अन्य निवेशकों से बड़ी मात्रा में पूंजी जुटाने की उसकी रणनीति ‘गलत’ थी, जिसका आगे जाकर कंपनी को काफ़ी नुक़सान हुआ।

दरसल YourStory में छपी एक रिपोर्ट में फाइनेंशियल टाइम्स के साथ एक वीडियो इंटरव्यू के हवाले से यह बातें सामनें आई हैं। इस इंटरव्यू में दहिया ने कंपनी के बहुत ही अधिक पूँजी हासिल कर ली थी, और निवेशकों ने भी कंपनी का ख़ूब साथ दिया। उन्होंने माना कि PolicyBazaar ने विज्ञापनों में भारी निवेश किया, लेकिन वह विज्ञापन उस हिसाब से ग्राहकों को लाने में नाकाम रहे।

लेकिन इसी दौरान दहिया ने यह भी कहा कि कंपनी मार्च के अंत में वित्तीय वर्ष 2021 तक लाभप्रद होने के ट्रैक पर वापस लौटने की उम्मीद कर रही है, क्योंकि अब इसने मार्केटिंग के ख़र्चों में भारी कटौती की है। और दिलचस्प रूप से कंपनी के सीईओ के अनुसार अब इनका मुख्य फ़ोकस स्वास्थ्य और मोटर बीमा जैसे प्रोडक्ट होंगें।

इसके साथ ही उन्होंने कच अन्य अन्य भारतीय तकनीकी स्टार्टअप की हाई वैल्यूएशन को भी खारिच किया, क्योंकि वह भी अब तक लाभप्रद नहीं बन सकें हैं। उन्होंने कहा कि जब कोई कंपनी ऑपरेशन के 10 साल बाद लाभ कमाती है, तो समझिए कुछ तो गलत है।

आपको बता दें PolicyBazaar वित्तीय वर्ष 2017 में लाभदायक हो गया, लेकिन एक साल बाद इसने घाटे में ₹9.42 करोड़ का आँकड़ा दर्ज किया है। वहीं वित्तवर्ष 2019 भी PolicyBazaar के लिए थोड़ा कठिन रहा क्योंकि इसमें 21.6% बढ़त के साथ इसको ₹213.12 करोड़ का नुकसान हुआ।

वहीं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के दस्तावेज़ों के हवाले से कुछ पोर्टल दावा करते हैं कि साल 2019 में कंपनी के विज्ञापन और प्रचार खर्च में ₹207.24 करोड़ ख़र्च किए, जो साल 2018 के ₹31.85 करोड़ के आँकड़े से कही अधिक था।

लेकिन अब एक बार फिर से लाभदायक बनने के बाद हो सकता है PolicyBazaar 2021 के अंत तक सार्वजनिक होने का निर्णय भी ले सकती है।

2008 में IIT दिल्ली और IIM अहमदाबाद के पूर्व छात्र यशिश दहिया, आलोक बंसल और अवनीश नीरज द्वारा स्थापित, PolicyBazaar असल में, एक लेंडिंग मार्केटप्लेस PaisaBazaar और हेल्थटेक वेंचर DocPrime पर भी मालिकाना हक़ रखती है।

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आपको बता दें PaisaBazaar को फरवरी 2014 में एक वित्तीय सलाहकार मंच के रूप में लॉन्च किया गया था। लेकिन उधार (लेंडिंग) जगत के ख़ासा प्रभावित होने के चलते हाल ही में ही PaisaBazaar को 1500 कर्मचारियों की छटनी करनी पड़ी थी।

और दिलचस्प बात यह है कि कंपनी का यह बयान ऐसे वक़्त में आया है जब SoftBank ने हाल ही में ही PolicyBazaar की पैरेंट कंपनी EtechAces Marketing and Consulting में ₹1.5 बिलियन की वैल्यूएशन पर $130 मिलियन का निवेश किया था।

लेकिन आपको बता दीं फाइनेंशियल टाइम्स ने बताया कि PolicyBazaar की वैल्यूएशन $1.65 बिलियन तक सम्भावित है। आपको बता दें PolicyBazaar अब तक Softbank से कुल $496.6 मिलियन का निवेश हासिल कर चुका है।

इस बीच आपको बता दें मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ Tiger Global Management, Ribbit Capital और Inventus Capital India जैसे नाम भी कंपनी के निवेशकों की सूची में शामिल हैं।

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