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OYO ने रोका होटलों का भुगतान; होटल मालिकों ने इसे बताया समझौते का उल्लंघन

OYO ने रोका होटलों का भुगतान; होटल मालिकों ने इसे बताया समझौते का उल्लंघन

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SoftBank समर्थित OYO एक बार फिर से सुर्खिओं में है। और एक बार फिर से इसका कारण भी OYO ख़ुद है।

दरसल इकॉनोमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, OYO ने हाल ही में अपने होटल भागीदारों को समझौतों में मौजूद ‘अप्रत्याशित घटना’ (Force Majeure) क्लॉज का हवाला देते हुए, COVID-19 महामारी के इस मौजूदा समय में (जिससे बिज़नेस पूरी तरह से प्रभावित हो गया है), इसे लागु करने की जानकारी दी है। इस बात का खुलासा इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी 28 मार्च की रिपोर्ट में प्राप्त एक पत्र के हवाले से किया था।

आपको बता दें OYO ने इस पत्र में कहा है कि होटलों का राजस्व काफी कम हो गया है और अगले कुछ महीनों में इसमें सुधार की भी संभावना नहीं है, इसलिए मासिक बेंचमार्क राजस्व या होटलों को दी जाने वाली किसी भी राशि के भुगतान को ‘अप्रत्याशित घटना’ क्लॉज के तहत निलंबित करने के लिए कंपनी बाध्य है।

लेकिन कंपनी का यह फ़ैसला एक बार फिर से कथित रूप से झूठे कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर लिया गया बताया जा रहा है। दरसल ईटी की रिपोर्ट के अनुसार कई नाराज होटल मालिकों ने इस फैसले के बाद सामने आकर यह कहा कि OYO ऐसी किसी भी अप्रत्याशित घटना संबंधी क्लॉज का इस्तेमाल नहीं कर सकता, क्यूंकि मूल समझौतों में ऐसा कोई क्लॉज़ शामिल ही नहीं था।

हालाँकि बताया जा रहा है कि OYO ने अभी तक होटल मालिकों द्वारा लगाये गये इस आरोप का जवाब नहीं दिया है।

दरसल मामला यह है कि बेंचमार्क राजस्व व्यवस्था के तहत OYO को न्यूनतम गारंटी मॉडल का पालन करने हुए होटल मालिकों को उत्पन्न राजस्व की परवाह किए बिना एक न्यूनतम राशि का भुगतान करना होता है। और साथ ही अगर होटल पूर्व-निर्धारित बिक्री लक्ष्य को पार करता है, तो OYO को उसके मालिक को अतिरिक्त राशि में हिस्सेदारी देनी पड़ती है।

लेकिन अब इस रिपोर्ट में प्राप्त पत्र के हवाले से बताया गया कि OYO ने मौजूदा व्यवस्था को खत्म करने के लिए एक राजस्व-शेयर मॉडल का प्रस्ताव दिया है। प्रस्तावित नए समझौते के अनुसार, यह बिक्री और मार्केटिंग लागत, चैनल शुल्क और ग्राहक अधिग्रहण खर्चों के अलावा शुद्ध राजस्व से भी 10% का कमीशन कटेगा।

लेकिन इसके बाद ही Federation of Hotel & Restaurant Associations of India (FHRAI) ने सामने आकर बताया कि OYO के इस नए पत्र और शर्तों के संबंध में कई होटल मालिकों द्वारा  शिकायत की गयी। FHRAI के उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह कोहली ने कहा,

“हमें ऐसी खबर मिली है कि OYO कोरोना वायरस महामारी और अप्रत्याशित घटना संबंधी क्लॉज का हवाला देते हुए मनमाने और अनुचित शर्तों को मानने के लिए होटलों पर दबाव बना रहा है।”

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“लेकिन OYO भला कैसे ऐसी किसी भी क्लॉज़ को लागू कर सकता है, जो होटल मालिकों द्वारा हस्ताक्षर किए गए समझौते में मौजूद ही नहीं है? और जब होटलों की बुकिंग में तेज़ी आई तब भला OYO ने इस क्लॉज़ में शामिल प्रावधान के तहत होटलों को हिस्सेदारी क्यों नहीं दी?”

लेकिन इतना ही नहीं कई होटल मालिकों ने बताया कि OYO के अनुसार हालातों के बिगड़ने पर कंपनी अपने पास समझौते को रद्द करने का अधिकार होने का भी दावा करती है।

और साथ ही होटलों को कहा गया है कि OYO इस प्रस्तावित नए समझौते के तहत भुगतान तब तक नहीं करेगा जब तक होटल सरकारी आदेशों के तहत आवश्यक सेवाओं का समर्थन करने के लिए उपयोग किए जाते रहेंगें।

हालाँकि अब देखना यह है कि एक बार फिर से शुरू हो सकने वाली होटल मालिकों और OYO के बीच इस जंग में कौन सही साबित होता है और FHRAI इस दिशा में क्या-क्या कदम उठाती है?

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