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Twitter ने 5,929 सऊदी अकाउंट्स को हटाया; सरकार समर्थित होने का दावा

Twitter ने 5,929 सऊदी अकाउंट्स को हटाया; सरकार समर्थित होने का दावा

Twitter ने एक बार से साबित कर दिया की वह अपने प्लेटफ़ॉर्म पर किसी भी प्रकार से भी गलत चीज़ों को बर्दाश्त नहीं करेगा। 

दरसल Twitter ने सऊदी से जुड़े करीब 6000 अकाउंट्स को प्लेटफ़ॉर्म से हटा दिया है। Twitter का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया क्यूंकि कंपनी ने पाया कि ये सभी अकाउंट सऊदी अरब के सरकार समर्थित नज़र आ रहे थे।

शुक्रवार को एक ब्लॉग पोस्ट में Twitter ने कहा कि हटाए गए अकाउंट मुख्य रूप से “आक्रामक रूप से Like, Retweet और Comment के जरिये सऊदी सरकार और अधिकारियों के पक्ष में माहौल तैयार करते नज़र आ रहे थे।

इन अकाउंट्स द्वारा किये गये अधिकतर पोस्ट अरबी भाषा में थे, ट्विटर ने कहा कि इनके Tweets में ईरान में प्रतिबंधों और पश्चिमी मीडिया में सऊदी सरकार के अधिकारियों को दिखाने के बारे में चर्चा की जा रही थी।

दरसल हटाए गये 5,929 खाते 88,000 खातों के एक बड़े समूह का हिस्सा हैं, जो ऐसे तमाम विषयों पर व्यापक रूप से “स्पैमिंग” करते नज़र आते हैं।

लेकिन Twitter ने कुछ कारणों के चलते इन अकाउंट्स के बारे में खुलासे से रोक लगा रखी है, क्यूंकि वह स्पैमिंग अकाउंट को लेकर पर्याप्त तौर पर पुख्ता नहीं हो पा रही है।

हालाँकि Twitter ने अब ऐसे अकाउंट्स के ट्वीट्स को संग्रहीत करना शुरू कर दिया और ऐसे पोस्ट को 2018 में ही सरकारों द्वारा समर्थित सूचना संचालन के माध्यम के रूप में देखने लगा है।

आपको बता दें कंपनी ने अगस्त में हांगकांग के विरोध प्रदर्शन को टारगेट करने वाले 200,000 चीनी अकाउंट्स को बंद कर दिया।

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दरसल Twitter अपने प्लेटफ़ॉर्म पर गलत सूचना के प्रसार से निपटने की कोशिश कर रही हैं, और खासकर अगले साल के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावोंको ध्यान में रखते हुए कंपनी ने अपनी कोशिशें और भी तेज कर दी हैं।

और कंपनी ने इन्हीं प्रयासों में यह ख़ुलासा हुआ था कि 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के दौरान रूसियों ने हजारों नकली खातों के जरिये गलत राजनीतिक सूचनाओं का प्रयास करके चुनाओं को प्रभावित करने का प्रयास किया था।

लेकिन अब Twitter के सऊदी से जुड़े अकाउंटस के इस खुलासे के बाद यह तो साफ़ हो गया है कि गलत सूचनाओं को बढ़ावा देने की प्रकिया अमेरिका और रूस तक ही सीमित नहीं हैं। 

दरसल सऊदी सरकार पर भी सुधारकों और अन्य लोगों के भाषणों को नियंत्रित करने और इन लोगों के खिलाफ़ एक संगठित ट्रोल सेना के इस्तेमाल और उन्हें रोजगार देने व उपयोगकर्ताओं को ऑनलाइन डराने जैसे आरोप भी लगते रहें हैं। सरकार ने कई बार Twitter उपयोगकर्ताओं को गिरफ्तार करके कैद भी किया है।

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