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अमेरिका में TikTok पर बैन लगना लगभग तय, सीनेट ने दी विधेयक को मंजूरी

अमेरिका में TikTok पर बैन लगना लगभग तय, सीनेट ने दी विधेयक को मंजूरी

  • चीनी कम्पनी टिक टॉक के ऊपर अमेरिकी नागरिकों का डेटा चोरी का आरोप लगा.
  • अमेरिका में यह विधेयक दोनों दलों के भारी समर्थन से सदन में पारित हुआ.
TikTok Layoffs Entire India Staff

TikTok banned in America: भारत में बैन होने के बाद चीनी सोशल मीडिया प्लेटफार्म टिकटॉक को अमेरिका में भी बैन किया जा रहा हैं। दरअसल में अमेरिकी सीनेट ने टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक पारित कर दिया है, विधयेक को सीनेट में संयुक्त रूप से पक्ष और विपक्ष दोनों ने सहमति जताई है। इस विधेयक को 79-18 मतों से मंजूरी मिल गई। चीनी ऐप को अमेरिका में बैन करने के लिए अब राष्ट्रपति जो बाइडन के हस्ताक्षर का इंतजार बाकी रह गया है।

क्या दिया गया विकल्प?

चीनी कम्पनी के लोकप्रिय प्लेटफॉर्म को अमेरिका में बैन नही होना है तो इसके लिए कंपनी को एक विकल्प दिया गया है, जिसमें कहा गया है यादि अमेरिका में टिकटॉक अपने कारोबार को बेच देता है तो वह सोशल मीडिया ऐप पहले के भांति काम करते रहेगा।

इसके लिए कंपनी के प्रबंधक को विधेयक में छह महीने में हिस्सेदारी बेचने की समय सीमा तय की गई है। अमेरिका में यह विधेयक दोनों दलों के भारी समर्थन से सदन में पारित हुआ, क्योंकि डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों ने ऐप के मालिक चाइनीज टेक्नोलॉजी फर्म बाइटडांस लिमिटेड के संदर्भ में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता जता चुके हैं।

डील के लिए 9 माह का समय

प्रोटेक्टिंग अमेरिकन्स फ्रॉम फोरन एडवर्सरी कंट्रोल्ड एप्लीकेशन एक्ट (Protecting Americans from Foreign Adversary Controlled Applications Act) बिल बीजिंग बेस्ड ByteDance को टिकटॉक यूएस खरीदार को बेचने के लिए 1 साल का समय देता है। चीनी स्वामित्व वाला लोकप्रिय प्लेटफार्म यादि इस समयांतराल में किसी यूएसए खरीदरार को नही बेच पाता है तो उसे अमेरिका से अपने कारोबार को बंद करना पड़ेगा, आपको बता दे, यूएसए में टिकटॉक काफ़ी लोकप्रिय ऐप (TikTok banned in America)  के रूप में उपयोग में किया जाता है। इसके यूएसए में 17 करोड़ उपयोगकर्ता हैं।

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क्यों किया जा रहा बैन?

चीनी कम्पनी टिक टॉक के ऊपर अमेरिकी नागरिकों का डेटा चोरी का आरोप लगा है, चीनी स्वामित्व और बीजिंग में सत्तावादी सरकार की अमेरिकी यूजर डेटा लीक जैसी आशंका के चलते यूएसए ने इस प्रकार का कठोर कदम उठाया है। अमेरिका में राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए यूजर डेटा तक चीन की पहुंच को रोकने के मद्देनजर देश में यह प्रकिया का सहारा लिया है हालांकि चीनी कम्पनी ने अपने ऊपर लग रहे सभी आरोपों को खारिज किया है।

 

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