संपादक, न्यूज़NORTH
Bird Flu H5N1 Virus Can Cause 100 Times Worse Pandemic: भारत समेत पूरी दुनिया अभी भी कोविड-19 महामारी की भयावह तस्वीरों को भुला नहीं सकी है, और ऐसे में एक नई और 100 गुना अधिक ख़तरनाक माहामारी के दस्तक देने की संभावना जताई जाने लगी हैं। असल में यह चेतावनी बर्ड फ्लू वायरस को लेकर जारी की गई है। इसको लेकर कुछ दावे सामने आए हैं।
मामले से संबंधित विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की है कि दुनिया भर में बर्ड फ्लू वायरस जनित बीमारी तेजी से महामारी का रूप ले सकती है। लेकिन और अधिक परेशान करने वाला दावा ये है कि संबंधित वैज्ञानिकों के अनुसार, इसमें उच्च मृत्यु दर देखनें को मिल सकती है। यह आँकड़ा इतना अधिक हो सकता है कि इसे कोविड-19 से भी 100 गुना अधिक खतरनाक कहा जा सकता है। ये तमाम बातें ब्रिटेन के एक मशहूर अखबार डेली मेल में प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट के हवाले से सामने आई हैं।
Bird Flu H5N1 Virus
इस रिपोर्ट में मामले से जुड़े वैज्ञानिकों का हवाला देते हुए यह बताया गया है कि बर्ड फ्लू H5N1 वायरस तेजी से गंभीर माहौल पैदा करने की ओर बढ़ रहा है। आशंका यह जताई गई कि कोरोना की तरह यह भी एक वैश्विक महामारी का रूप ले सकता है, वो भी और अधिक ख़तरनाक स्तर पर।
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मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि यह वायरस बड़ी संख्या में स्तनधारी जीवों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है। ये वायरस फिलहाल उस दिशा में बढ़ता नजर आ रहा है, जहाँ यह एक महामारी का रूप ले सकता है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि दुनिया भर के कई देशों में बर्ड फ्लू का संक्रमण मौजूद है। वर्तमान समय में भी दुनिया भर के तमाम हिस्सों में लोग इससे संक्रमित होते नजर आते रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि बर्ड फ्लू महामारी में मृत्यु दर कोरोना की तुलना में भी अधिक हो सकती है। एक संभावना यह भी जताई जाती है कि अगर इस वायरस ने इंसानों में म्युटेट होने की क्षमता विकसित कर ली तो परिणाम और भी गंभीर हो सकते हैं।
क्या कहते हैं आँकड़े?
आपको बता दें, रिपोर्ट्स में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आँकड़ो को भी पेश किया जा रहा है। डबल्यूएचओ द्वारा जारी डेटा के मुताबिक, बीते सालों में H5N1 वायरस से संक्रमित होने वाले हर 100 मरीजों में से लगभग 52 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि इस वायरस के चलते मृत्यु दर 50% तक पहुँच गया है।
फिलहाल विशेषज्ञों का कहना है कि तमाम देशों को ज़रूरत है कि वह इसकी रोकथाम और तैयारियों को लेकर काम शुरू करें और आने वाले किसी भी संभावित ख़तरें से निपटने के लिए अपनी तैयारियाँ पुख्ता करने की कोशिश करें।