Now Reading
Ram Mandir Prasad के नाम से Amazon पर बिकी मिठाई, सरकार का नोटिस!

Ram Mandir Prasad के नाम से Amazon पर बिकी मिठाई, सरकार का नोटिस!

  • 'अयोध्या राम मंदिर' के साथ अचानक Amazon का नाम इंटरनेट पर हुआ ट्रेंड
  • कंपनी पर राम मंदिर के "प्रसाद" के नाम पर उपभोक्ताओं को गुमराह करने का आरोप
ayodhya-ram-mandir-prasad-sweets-and-amazon-controversy

Ayodhya Ram Mandir Prasad Sweets and Amazon Controversy: कल अचानक इंटरनेट पर लोगों को ‘अयोध्या राम मंदिर’ के साथ ई-कॉमर्स दिग्गज अमजेन (Amazon) का नाम वायरल होते दिखा, तो उनमें उत्सुकता पैदा हुई कि आखिर मामला का है? असल में अमजेन पर ‘श्री राम मंदिर अयोध्या प्रसाद’ के नाम से मिठाइयाँ बेंची जा रही थीं, जिसको लेकर अब केंद्र सरकार ने अमेजन को नोटिस थमा दिया है।

जी हाँ! कंपनी को ‘अयोध्या राम मंदिर प्रसाद’ के नाम पर साधारण मिठाइयाँ बेचने के आरोप में यह नोटिस जारी किया गया। इसकी मामले की शिकायत ‘कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स’ (CAIT) द्वारा की गई थी, जिसके बाद सरकार की ओर से यह कार्यवाई की गई। अपनी शिकायत में CAIT ने आरोप लगाया कि अमेजन अयोध्या में होने जा रहे भव्य मंदिर के उद्घाटन को ध्यान में रखते हुए, राम मंदिर के “प्रसाद” के नाम पर मिठाइयों की बिक्री को मंजूरी देते हुए, उपभोक्ताओं को गुमराह करने का काम कर रहा है।

Ram Mandir Prasad & Amazon Controversy

अमेजन को यह नोटिस केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की ओर से भेजा गया है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने मुख्य आयुक्त श्री रोहित कुमार सिंह के नेतृत्व में अमेजन सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ यह कार्रवाई शुरू की गई है।

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के द्वारा की गई शिकायत के आधार पर शुरुआती तौर पर अमेजन ‘श्री राम मंदिर अयोध्या प्रसाद’ के नाम से भ्रामक तरीका अपनाते हुए मिठाइयों को बेचनें में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।

शुरुआती जाँच में यह सामने आया है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन की भारतीय वेबसाइट पर “श्री राम मंदिर अयोध्या प्रसाद” के दावे के तहत कई अलग-अलग तरह की मिठाइयां व अन्य खाद्य उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध करवाए गए।

ऐसे में गलत या भ्रामक दावों के साथ ऑनलाइन खाद्य उत्पादों की बिक्री को मंजूरी देने के चलते कंपनी को नोटिस जारी किया गया, क्योंकि ऐसे भ्रामक दावे बड़े पैमानें पर उपभोक्ताओं को खरीदारी संबंधी निर्णय को प्रभावित करने का काम करते हैं।

बता दें, उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम- 2020 की धारा 4(3) के तहत कोई भी ई-कॉमर्स कंपनी उत्पादों की बिक्री के लिए किसी भी तरह के भ्रामक दावे या अनुचित प्रथाओं को नहीं अपना सकती।

वहीं उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 2019 की धारा 2(28) के तहत परिभाषित ‘भ्रामक विज्ञापन’ का मतलब होता है कि किसी प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में गलत जानकारी देना देता है, या प्रोडक्ट या सर्विस की प्रकृति, पदार्थ, मात्रा या गुणवत्ता के बारे में उपभोक्ताओं को झूठी गारंटी देता है या भ्रमित करने की संभावना पैदा करना।

See Also
Prajwal Revanna, video scandal case:

7 दिनों में देना होगा जवाब

इस मामले में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की ओर से 7 दिनों के भीतर अमेजन से जवाब माँगा गया है, और ऐसा न करने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 2019 के प्रावधानों के तहत कंपनी के ख़िलाफ उचित कार्यवाई भी की जा सकती है।

न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!

इस बीच प्राधिकरण ने संबंधित विवादित उत्पादों के लिंक भी जारी किए थे, लेकिन फिलहाल ऐसा लगता है कि अमेजन ने तुरंत करवाई करते हुए, उन उत्पादों को प्लेटफ़ॉर्म से हटा दिया है, क्योंकि अब उन लिंक पर क्लिक करने पर “We’re sorry. The Web address you entered is not a functioning page on our site.” सूचना प्रदर्शित की जा रही है।

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.