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Jallikattu 2024: तमिलनाडु में जल्लीकट्टू प्रतियोगिता का आगाज, जानें डिटेल्स!

Jallikattu 2024: तमिलनाडु में जल्लीकट्टू प्रतियोगिता का आगाज, जानें डिटेल्स!

  • पोंगल त्योहार के साथ ही तमिलनाडु में चर्चित जल्लीकट्टू का भी हुआ आगाज
  • 1000 चयनित सांडों और इनको काबू करने के लिए 600 से अधिक दावेदारों के भाग लेने की उम्मीद
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Jallikattu 2024 Begins In Tamil Nadu: पोंगल त्योहार के आगाज के साथ ही मदुरै में चर्चित खेल जल्लीकट्टू की शुरुआत भी हो गई है। हमेशा की तरह मशहूर ‘अवनियापुरम जल्लीकट्टू’ मैदान पर इस खेल का आयोजन किया जा रहा है। जल्लीकट्टू प्रतियोगिता थिरुपरंगुनराम रोड पर स्थित मंथैयाम्मन मंदिर के सामने बने वाडिवासल में भी आयोजित की गई है।

जानकारी के अनुसार, इस बार साल 2024 में अवनियापुरम जल्लीकट्टू में लगभग 1000 चयनित सांडों और इनको काबू करने के लिए 600 से अधिक दावेदारों के भाग लेने की उम्मीद है। यह प्रतियोगिता 8 राउंड में संपन्न होगी। बता दें, बैलों और सांडों को काबू करने व अन्य रिवाजों के लिए प्रसिद्ध खेल – जल्लीकट्टू का आयोजन अक्सर सुर्खियाँ बटोरता है।

Jallikattu 2024

मदुरई में जल्लीकट्टू प्रतियोगिता की शुरुआत से पहले बैलों के स्वास्थ्य की भी जाँच करवाई गई। इसके बाद ही जोर शोर से यह खेल शुरू किया गया है।

हर साल की तरह इस बार भी तमिलनाडु के विभिन्न क्षेत्रों में जललीकट्टू प्रतियोगिता शुरू हो गई है। जैसा हमनें बताया यह प्रतियोगिता शाम तक लगभग कुल 8 राउंड में पूरी होगी। हर एक राउंड में 50 से 70 उम्मीदवार भाग लेते नजर आएँगे।

कैसे तय होगा विजेता?

हर राउंड में सबसे अधिक संख्या में (अधिक बार) सांडों को पकड़ने व अन्य पैमानों को ध्यान में रखते हुए, विजेताओं का चयन किया जाता है।

किए गए खास इंतजाम

सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, खेल में शामिल चुनौतियों को देखते हुए, खास तरह के इंतजाम भी किए गए हैं। प्रतिभागियों के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से और शामिल किए जा रहे सांडो के लिए पशु चिकित्सा विभाग की ओर से विशेष प्राथमिक चिकित्सा उपचार से लेकर ‘चिकित्सा शिविरों’ तक का प्रबंध किया गया है।

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मदुरै के सरकारी राजाजी अस्पताल में आवश्यक तैयारियों के साथ ही कई एंबुलेंसों को भी तैनात किया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से भी मदुरै पुलिस ने भारी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती की है।

क्या है महत्व?

कई स्थानों पर जल्लीकट्टू नामक इस पारंपरिक खेल को ‘इरुथाझुवुथल’ नाम से भी जाना जाता है। हालाँकि इस कई बार इस खेल से कई तरह के विवाद भी जुड़ते नजर आए हैं। लेकिन जल्लीकट्टू को खासकर तमिलनाडु में लोग अपने गौरव और संस्कृति के प्रतीक के तौर पर देखते हैं।

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असल में इस खतरनाक कहे जा सकने वाले खेल के आयोजन के दौरान कई बार उम्मीदवार व अन्य लोगों के गंभीर रूप से घायल तक होने के मामले सामने आते रहे हैं। इसी को देखते हुए, कुछ समय पहले देश की सर्वोच्च अदालत की ओर से जल्लीकट्टू के आयोजन को लेकर कुछ दिशा-निर्देश जारी किए थे।

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