Bengaluru airport trial run for the CTX machine : बीते कुछ महीनों से नागर विमानन मंत्रालय हवाई अड्डों पर एक्स-रे बैगेज स्कैनर लगाने पर विचार कर रहा था। अब मीडिया रिपोर्ट से जानकारी निकलकर आ रही है, बेंगलुरु का केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (KIA) देश का ऐसा पहला एयरपोर्ट बनने वाला है।
दरसरल मार्च में नागर विमानन राज्य मंत्री वीके सिंह ने राज्यसभा में हवाई अड्डों पर कंप्यूटेड टोमोग्राफी एक्स-रे (सीटीएक्स) बैगेज स्कैनर लगाने की अवधारणा पर विचार करने की बात कही थी, जिसमें यात्रियों को सुरक्षा जांच के दौरान अपने हैंड बैगेज से इलेक्ट्रॉनिक सामान नहीं निकालने होंगे।
इसी क्रम में अब नागर विमानन मंत्रालय देश के पहले (बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) कंप्यूटेड टोमोग्राफी एक्स-रे (CTX) मशीन का ट्रायल करने जा रहा है।
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Bengaluru Airport CTX Machine: दिसंबर 2023 में इसके चालू होने की संभावना
मिली जानकारी के अनुसार बेंगलुरु का केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (KIA) टर्मिनल 2 (T2) पर CTX (कम्प्यूटर टोमोग्राफी एक्स-रे) मशीन का ट्रायल रन अगले कुछ हफ्तों में शुरू हो जाएगा, नया सुरक्षा सिस्टम शुरुआत में केवल घरेलू यात्रियों के लिए होगा। दिसंबर 2023 में इसके चालू होने की संभावन है।
मीडिया को जानकारी देते हुए Kempegowda International Airport Bengaluru (KIA) के मुख्य परिचालन अधिकारी सत्यकी रघुनाथ ने कहा,
“T2 पर CTX मशीन का परीक्षण अगले कुछ हफ्तों में शुरू हो जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा,
” KIA CTX मशीन के लिए यात्री परीक्षण शुरू करने वाला भारत का पहला हवाई अड्डा होगा, जिसे स्वचालित ट्रे रिट्रीवल सिस्टम (एटीआरएस) और फुल-बॉडी स्कैनर के साथ एकीकृत किया जाएगा।”
बीआईएएल के अधिकारियों ने कहा कि तेज और अधिक सुरक्षित उड़ान के लिए T2 पर तीन फुल-बॉडी स्कैनर लगाए गए हैं।
गौरतलब है, T2, जिसके लिए 2018 में योजना शुरू हुई, इसका उद्घाटन नवंबर 2022 में किया गया था। टर्मिनल पर घरेलू परिचालन आधिकारिक तौर पर जनवरी 2023 में शुरू हुआ जो कि सालाना कम से कम 25 मिलियन यात्रियों को संभालने के लिए सुसज्जित है। टर्मिनल 2 का चरण 5,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था, और साथ ही यह 2,55,000 वर्ग मीटर में फैला हुआ है।
दिसंबर 2013 में नए टर्मिनल के उद्घाटन के बाद बैंगलोर एयरपोर्ट का नाम बदलकर कैंपेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट नाम किया गया था, जो कि बैंगलोर के संस्थापक कैंपेगौंडा के नाम से प्रेरित था।
केम्पेगौड़ा को बेंगलुरु के विकास में उनके प्रमुख योगदान के लिए जाना जाता है, बेंगलुरु के देवनहली में कैंपेगौंडा की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण भी किया गया है, जिसे स्टेच्यू ऑफ प्रॉस्पेरिटी का नाम दिया गया।