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देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रेन ‘Namo Bharat’ को पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी

देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रेन ‘Namo Bharat’ को पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी

  • देश की पहली रैपिड ट्रेन 'Namo Bharat' को प्रधानमंत्री मोदी ने दिखाई हरी झंडी।
  • पहले फेज में साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक यात्री कर सकेंगे सफर।
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‘Namo Bharat’, First Regional Rapid Train Service: आज देश को रेलवे की ओर से एक बड़ी सौगात दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पहली रैपिड ट्रेन ‘नमो भारत’ (पूर्व नाम RapidX) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

अब देशवासी 21 अक्टूबर से इस रैपिड रेल की यात्रा का लाभ उठा सकते है। पहले फेज में ट्रेन साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक कुल 17 किलोमीटर का सफर तय करेंगी।पहले चरण में कुल 5 स्टेशन हैं, जिनमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशन शामिल हैं। यह भारत में रीजनल रैपिड ट्रेन सर्विस (RRTC) के शुरुआत का प्रतीक है।

क्या है रैपिड ट्रेन ?

रीजनल रैपिड ट्रेन सर्विस प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना में से एक है। इसका उद्देश्य देश में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करने का है, जिसके लिए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना लाई गई है। फिलहाल इसके तहत दिल्ली एनसीआर के लोगों को निर्बाध रूप से यात्रा करने की सुविधा मिल सकेगी।

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देगी महिला सशक्तिकरण का संदेश

इस “नमो भारत” (Namo Bharat) नामक रैपिड ट्रेन में स्टाफ स्टेशन कंट्रोल से लेकर रेल चलाने तक का ज़िम्मा महिलाओं को दिया गया है। देश की पहली रैपिड ट्रेन की जिम्मेदारी बेटियो के हाथ में देकर, सरकार महिला सशक्तिकरण का संदेश पहुंचाना चाह रही है।

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दो से तीन रुपय प्रति किलोमीटर होगा सफर

देश में इस रैपिड ट्रेन के किराया को लेकर काफी चर्चा है। डीपीआर के अनुमान के मुताबिक “नमो भारत” का किराया प्रति किलोमीटर ₹2 से ₹3 के बीच होगा। इस ट्रेन के चलने के बाद आसपास के तकरीबन 8 लाख यात्री इस सेवा का लाभ ले सकेंगे।

2019 में रखी थी आधारशिला

प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारे की नींव मार्च 2019 को रखी थी। पीएम मोदी के मुताबिक, विश्व स्तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के निर्माण एवं देश में क्षेत्रीय संपर्क को बदलने के मकसद के साथ आरआरटीएस परियोजना को विकसित किया जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली मेरठ गाजियाबाद कॉरिडोर ₹30,000 करोड़ से अधिक लागत से विकसित हो रहा है, जो दिल्ली को मेरठ से एक घंटे से भी कम समय में जोड़ने का कार्य करेगा।

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