Invesco ने फिर घटाई Swiggy की वैल्यूएशन, $5.5 बिलियन की हुई कंपनी – रिपोर्ट

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Invesco Cuts Swiggy Valuation Again: स्टार्टअप ईकोसिस्टम में वैल्यूएशन (मूल्यांकन) का मुद्दा हमेशा से विवादास्पद रहा है। किसी स्टार्टअप की असल वैल्यूएशन किन मानकों पर तय होनी चाहिए, इसको लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में कई मामलों में निवेशकों और स्टार्टअप्स के बीच वैल्यूएशन को लेकर तलवार खींची नजर आती रही है।

मौजूदा हालातों – जिसे स्टार्टअप जगत ने निवेश में कमी के चलते फंडिंग विंटर (Funding Winter) का नाम दिया है – के बीच वैल्यूएशन (मूल्यांकन) का गेम और भी दिलचस्प हो गया है। और इसी बीच के बड़ी खबर यह आ रही है कि फूड डिलीवरी स्टार्टअप Swiggy की वैल्यूएशन को भी निवेशक ने एक बार फिर कम करते हुए आधा कर दिया है।

हम बात कर रहे हैं Swiggy के हालिया निवेश दौर का नेतृत्व करने वाली अमेरिकी निवेश फर्म Invesco की, जिसने एक बार फिर से भारत में Zomato के इस सबसे बड़े प्रतिद्वंदी की वैल्यूएशन को कम कर दिया है।

Invesco cuts Swiggy valuation by half to $5.5 billion

असल में TechCrunch की एक नई रिपोर्ट में नियामक फाइलिंग के हवाले से यह बताया गया है कि Invesco ने Swiggy की वैल्यूएशन को लगभग $8 बिलियन से कम करते हुए $5.5 बिलियन कर दिया है।

इस नए संशोधित मूल्यांकन के हिसाब से देखा जाए तो यह Swiggy की पिछले साल निवेश दौर के दौरान Invesco द्वारा ही आँकी गई $10.7 बिलियन की वैल्यूएशन के मुकाबले लगभग 48.6% की गिरावट है।

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Investors slash Byju’s and Swiggy valuation

आपको बता दें हाल की तिमाहियों में यह दूसरी बार हो रहा है जब Invesco ने Swiggy के मूल्यांकन में भारी कमी की है। कुछ महीनें पहले ही Invesco ने फूड डिलीवरी स्टार्टअप में अपनी हिस्सेदारी के मूल्यांकन को घटाकर $8 बिलियन कर दिया था।

यह ऐसे वक्त में हो रहा है जब Prosus Ventures, Accel और SoftBank जैसे दिग्गज नामों को अपने निवेशकों की सूची में शामिल रखने वाले Swiggy को अपने भारतीय प्रतिद्वंदी Zomato से कड़ी टक्कर मिल रही है।

बताते चलें कि हाल में एक अन्य अमेरिकी निवेशक BlackRock ने भी एक और भारतीय स्टार्टअप BYJU’S की वैल्यूएशन को लगभग 50% तक कम करते हुए $22 बिलियन से $11.5 बिलियन कर दिया था।

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ये सब इसलिए भी दिलचस्प हो जाता है क्योंकि पिछले साल ही Softbank Group के संस्थापक और सीईओ मासायोशी सोन (Masayoshi Son) ने यह कहा था कि स्टार्टअप्स आने वाले समय में निवेश में कमी झेलते रह सकते हैं, क्योंकि कुछ यूनिकॉर्न कंपनियां नई फंडिंग डील को लेकर की जाने बातचीत के दौरान कम वैल्यूएशन को स्वीकार करने को तैयार नहीं है।

क्या हो सकते हैं संभावित कारण?

जानकारों के मुताबिक, भारतीय स्टार्टअप्स की वैल्यूएशन में की जा रही इस कटौती के पीछे वैश्विक बाजार की मौजूदा स्थितियों को प्रमुख कारण माना जा सकता है। भारत में इस साल स्टार्टअप्स फंडिंग डील्स में काफी कमी दर्ज की जा रही है।

हमें यह भी ध्यान देना होगा कि खर्चों में कटौती करने के चलते हाल के दिनों में Swiggy समेत तमाम स्वदेशी स्टार्टअप्स बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी जैसे कदम उठा रहे हैं।

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