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Personal Data Protection बिल कंपनियों के उपयोगकर्ताओं के डेटा तक सरकार को देता है पहुँच

Personal Data Protection बिल कंपनियों के उपयोगकर्ताओं के डेटा तक सरकार को देता है पहुँच

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इस बात की अटकलें काफी समय से लगाई जा रहीं थी कि भारत सरकार Facebook और Google जैसी कंपनियों के पास होने वाले उपयोगकर्ता डेटा तक पहुँच हासिल करना चाहती है, और जो शायद अब नए बिल के जरिये संभव भी होने जा रहा है।

जी हाँ! दरसल भारत के प्राइवेसी बिल में हुए बदलाव से अब Facebook, Google और अन्य कंपनियों के लिए थोड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है क्योंकि सरकार द्वारा लाये गये नए बिल के अनुसार, अब सरकार इन कंपनियों से इनके उपयोगकर्ता डेटा को मांग सकेगी।

Personal Data Protection Bill नामक इस नए बिल को असल में मंगलवार को संसद सदस्यों को सौंपा गया है और Reuters द्वारा इसकी समीक्षा भी की गई।

दरसल टॉप टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए यह बिल काफी उत्सुकता से भरा एक विषय रहा, क्यूंकि इसके बाद भारतीय उपभोक्ताओं के डेटा को संसाधित करने, संग्रहीत करने और स्थानांतरित करने के तरीके व्यापक रूप से प्रभावित हो सकतें हैं।

दरसल इस नए बिल के तहत सरकार अपनी सरकारी सेवाओं के वितरण और नीतियों को तैयार करने में मदद के लिए कंपनियों से उपभोगताओं के पर्सनल डेटा के साथ ही साथ नॉन-पर्सनल डेटा प्रदान करने को कह सकती है और कंपनियों को यह डेटा सरकार को प्रदान करना होगा।

यह बिल “पर्सनल डेटा” को ऐसी जानकारी के रूप में परिभाषित करता है जो किसी व्यक्ति की पहचान करने में मदद कर सकती है और इसमें किसी व्यक्ति की पहचान की विशेषताएं, लक्षण और अन्य निजी जानकारियाँ शामिल होती हैं।

और बाकी अन्य सभी प्रकार के डेटा को इस बिल में “नॉन-पर्सनल डेटा” के रूप से परिभाषित कर दिया गया है।

इस बीच आपको बता दें कि यह बिल संसद में जल्द ही पेश किया जाएगा, लेकिन 13 दिसंबर को समाप्त होने जा रहे मौजूदा सत्र में इसे पारित नहीं किया जाएगा। इसके बाद एक पैनल संभावित रूप से इसकी समीक्षा करेगा।

साथ ही आपको बता दें बिल में यह भी कहा गया है कि बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को उपयोगकर्ताओं को उनकी पहचान साबित करने के लिए एक सिस्टम की पेशकश करनी चाहिए और सार्वजनिक रूप से एक सत्यापन चिह्न भी प्रदान करना चाहिए।

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यह एक ऐसा कदम अहि जो तकनीकी रूप से Facebook, WhatsApp और TikTok जैसे प्लेटफ़ॉर्मो के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है।

इसके साथ ही इस बिल में यह भी कहा गया है कि “संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा”, जिसमें वित्तीय और बायोमेट्रिक डेटा शामिल हैं, को प्रोसेसिंग के लिए भारत से बाहर स्थानांतरित किया जा सकता है, लेकिन इसको सिर्फ़ और सिर्फ़ स्थानीय तौर पर ही संग्रहीत किया जाना चाहिए।

दरसल सरकार के अनुसार डेटा प्राइवेसी नियमों को और भी मजबूत करने के लिए यह भारत के व्यापक प्रयासों का ही एक हिस्सा है।

मंगलवार को इंटरनेट कंपनी मोज़िला कॉर्प ने कहा कि डेटा का उपयोग करने के लिए सरकार को सक्षम बनाने और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के सत्यापन जैसी चीज़ें जो इस बिल में शामिल हैं, असल में “भारतीयों की प्राइवेसी के लिए नए खतरों को जन्म दे सकती हैं।

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