संपादक, न्यूज़NORTH
इस बात में कोई शक नहीं है कि भारत में Netflix का बाज़ार काफी तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही देश के OTT क्षेत्र में काफ़ी तेजी से नए और बड़े ख़िलाड़ी भी जुड़ रहें हैं।
ऐसे में लाजमी है कि मौजूदा खिलाडियों के बीच बाज़ार की हिस्सेदारी को लेकर कुछ असुरक्षा का भाव पैदा हो, और आज के दौर में ग्राहकों के आधार को लेकर होने वाली लड़ाई में कंपनियां पैसा पानी की तरह बहा रही हैं।
और अब कुछ ऐसा ही Netflix के साथ भी होता नज़र आ रहा है। दरसल भारत में Disney, Amazon Prime और अन्य बड़े प्लेटफ़ॉर्मो से लगातार टक्कर लेने वाले Netflix के मुख्य कार्यकारी अधिकारिक रीड हेस्टिंग्स ने शुक्रवार को कहा कि कंपनी इस साल से अगले साल तक देश में लाइसेंसिंग कंटेंट के निर्माण में करीब $420.5 मिलियन ख़र्च करने जा रही है।
दरसल नई दिल्ली में आयोजित एक सम्मेलन में उन्होंने कहा,
“इस और अगले साल हम अपने प्लेटफ़ॉर्म में कंटेंट को लेकर लगभग 3,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रहे हैं। इसके साथ ही आप जल्द ही प्लेटफ़ॉर्म पर तेजी से नए कंटेन्ट्स को लॉन्च होते हुए देखेंगें। यह पिछले पांच वर्षों में पेश किये गये कंटेंट की तुलना में काफी अधिक होगा है।”
इस बीच अन्य कई रिपोर्टों में यह दावा किया गया है कि अन्य किसी OTT खिलाडियों द्वारा भारत में कंटेंट के निर्माण को लेकर इतनी भारी मात्रा में पैसा कभी नहीं खर्चा गया है।
साल 2016 में अपने ग्लोबल प्रसार के तहत 200 नए देशों के साथ भारत में भी अपनी शुरुआत करने वाले Netflix ने काफी कम समय में अपने दो दर्जन से अधिक ओरिजिनल शोज और फिल्मों इत्यादि के चलते देश में भारी लोकप्रियता हासिल की।
हालाँकि इसके लिए कंपनी ने देश में कई स्थानीय स्टूडियो के साथ भी भागीदारी की, जिसमें से शाहरुख़ खान का Red Chillies Entertainment भी एक नाम रहा।
आपको बता दें अपने Original Shows जैसे “Sacred Games” के चलते प्लेटफ़ॉर्म ने देश के भीतर एक अविश्वसनीय लोकप्रियता दर्ज की।
भारत में तेजी से बढ़ता OTT बजार:
बीते कुछ समय में भारत वैश्विक OTT कंपनियों/प्लेटफ़ॉर्मो के लिए एक सबसे तेज बढ़ता बाज़ार बनकर उभरा है।
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के अनुसार, देश की 1.3 बिलियन आबादी में से लगभग आधी अब ऑनलाइन है और इसलिए देश में ऑन-डिमांड वीडियो मार्केट के आगामी 5 सालों में करीब $5 बिलियन तक बढ़ने का अनुमान है।
हालाँकि दूसरी ओर यह भी सच है कि प्लेटफ़ॉर्मो के सब्स्क्रिबशन पैकेज के लिहाज़ से देश में लगभग सभी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की सदस्यता सेवा के लिए भुगतान करने की क्षमता काफी कम है।
और शायद इसलिए भारत में आज लगभग सभी ऐसी सेवाएं मुख्यतः विज्ञापनों से अपने राजस्व का अधिकांश हिस्सा कमा रहीं हैं। लेकिन उन्हें यह भरोसा हैं कि उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ने से उन्हें जल्द ही सदस्यता सेवा राजस्व में भी मुनाफ़ा देखने को मिलेगा।