संपादक, न्यूज़NORTH
Facebook काफी अच्छे से इस बात को समझ चुका है कि सिर्फ़ एक ही सेवा के सहारे बाज़ार में बहुत दिनों तक राज नहीं किया जा सकता और वह भी तब जब बाज़ार का नाम इंटरनेट हो!
और शायद इसलिए अब Facebook ने लोगों को रिझाने के तहत एक और नई सुविधा की पेशकश की है। जी हाँ! दरसल Facebook ने अपने सोशल नेटवर्क के उपयोगकर्ताओं को एन्क्रिप्टेड डेटा ट्रांसफर के माध्यम से अब अपनी तस्वीरों को सीधे Google Photos स्टोरेज सेवा में पोर्ट करने संबंधी सुविधा की पेशकश की है।
आसान भाषा में Facebook ने अपनी ऐप के माध्यम से अब ‘फोटो ट्रांसफर टूल’ लॉन्च किया है। फ़िलहाल यह फोटो पोर्टेबिलिटी सुविधा सिर्फ़ आयरलैंड में Facebook उपयोगकर्ताओं के लिए पेश की जा रही है, और इसके परीक्षण के बाद ही कंपनी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसको लॉन्च करेगी।
Facebook ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि अभी इस नई सुविधा को परीक्षण के लिहाज़ से लॉन्च किया गया है और उपयोगकर्ताओं के द्वारा मिले फीडबैक के अनुसार ही इसके भविष्य को तय किया जायेगा।
हालाँकि कंपनी को उम्मीद है कि 2020 के मध्य तक यह सुविधा दुनिया भर में अपनी उपलब्धता दर्ज करवा चुकी होगी।
साथ ही दिलचस्प यह है कि Facebook का उद्देश्य Google Photos के अलावा भी अन्य फ़ोटो स्टोरेज सेवाओं के लिए अपनी इस पोर्ट सेवा को सक्षम करने का है।
Facebook का यह भी कहना है कि यह फ़ोटो पोर्टेबिलिटी टूल असल में डेटा ट्रांसफर प्रोजेक्ट में भागीदारी के माध्यम से विकसित किये गये कोड पर आधारित है, जिसको पिछले साल एक सहयोगात्मक प्रयास के रूप में पांच टेक दिग्गजों Apple, Facebook, Google, Microsoft और Twitter की भागीदारी से शुरू किया गया था।
इन कंपनियों ने एक कॉमन ओपन-सोर्स कोड फ्रेमवर्क के निर्माण को लेकर भागीदारी की थी, जिसका मकसद किसी भी दो ऑनलाइन सेवा प्रदाताओं को कनेक्ट कर दो प्लेटफार्मों के बीच डेटा के पोर्टेबिलिटी को संभव बनाने का था।
आपको याद दिला दें कि Facebook ने सितंबर में प्रकाशित एक व्हाईट पेपर के जरिये इस ओर इशारा किया था कि डेटा को कुछ इस प्रकार से नियंत्रित करना चाहिए कि उसको उपयोगकर्ता के लिए आसानी से पोर्टेबल बनाया जा सके।
लेकिन जब डेटा का जिक्र आता है तो Facebook पर वर्तमान समय में चारों ओर से सवालिया निशान लगते नज़र आते हैं। और मुख्य यह है कि अब इस सन्दर्भ में ज़िम्मेदार एजेंसियों और कई सरकारी तंत्रों ने भी Facebook पर डेटा के उपयोग को लेकर कुछ मायनों में अंकुश लगाने का समर्थन किया है।
हालाँकि यह इतना आसान भी नहीं होने वाला है क्यूंकि Facebook की लोकप्रियता और इसका उपयोगकर्ता आधार अब दुनियाभर में काफी तेजी से बढ़ रहा है और इसका मौजूदा प्रारूप भी काफी विशाल है।