Entry in Garba event only after seeing Aadhar card: कल (3 अक्तूबर 2024) से देशभर में हिंदुओं द्वारा शक्ति की आराधना के लिए मनाएं जाने वाले नवरात्रि पर्व की शुरुआत हो जायेगी, इस दौरान हिन्दू धर्मालंबी देवी दुर्गा की उपासना करते है। इसमें ही एक देवी उपासना का माध्यम जो गुजरात से निकलकर देश के अन्य हिस्सों में भी प्रचलित हो गया है और अब गरबा का आयोजन विभिन्न हिस्सों में किया जानें लगा है। ऐसे में देश भर में आयोजित इन गरबा पंडालों के आयोजकों से विभिन्न हिन्दू संगठनों द्वारा एक अपील की जा रही हैं।
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, विहिप संगठन द्वारा इन गरबा पंडालों में गैर-हिंदुओं की एंट्री को एक बड़ा मुद्दा बनाया है, मंगलवार (एक अक्टूबर, 2024) को विहिप की ओर से मांग उठाई गई कि गैर-हिंदुओं को गरबा में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। चूंकि, यह पूजा का हिस्सा ही है।
महाराष्ट्र-गोवा प्रांत सचिव गोविंद शेंडे ने उठाई आवाज
गैर हिंदुओ और अवांछनीय तत्वों को गरबा पंडालों से दूर रखने की अपील करते हुए महाराष्ट्र-गोवा प्रांत सचिव गोविंद शेंडे ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि, वे (गरबा आयोजक) गैर-हिंदुओं को समारोह में भाग लेने की अनुमति न दें, नवरात्रि उत्सव में गरबा नृत्य कार्यक्रमों में आधार कार्ड की जांच के बाद ही एंट्री दी जानी चाहिए।
उन्होने अपने वक्तव्य में आगे कहा कि जिन लोगों की देवी में आस्था उसे गरबा कार्यक्रमों में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। गरबा पूजा का एक रूप है, न कि केवल नृत्य कार्यक्रम या सांस्कृतिक कार्यक्रम।
देवी मूर्ति को प्रणाम करने के बाद लोगों की एंट्री
उन्होंने गरबा आयोजकों से अपील कि वह सभी अपने गरबा पंडालों में देवी प्रतिमा स्थापित करें और जो कोई भी गरबा पंडालों में भाग लेने आ रहें है, उन्हें पहले प्रतिमा या देवी की तस्वीर के सामने झुकने के लिए और प्रणाम करने के बाद ही अंदर पंडालों में प्रवेश करने दे।
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जिन लोगों की देवी भगवती में आस्था नहीं है, उन्हें ऐसे कार्यक्रमों में नहीं जाना चाहिए। वे एक खास मानसिकता के साथ वहां जाते हैं, जिससे हमारी बहनों को परेशानी होती है और हमारी धार्मिक भावनाएं (Entry in Garba event only after seeing Aadhar card) आहत होती हैं।