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कोटा में एक और छात्र ने की आत्महत्या, मिला सुसाइड नोट, जानें क्या कुछ लिखा?

कोटा में एक और छात्र ने की आत्महत्या, मिला सुसाइड नोट, जानें क्या कुछ लिखा?

  • कोटा में नीट की तैयारी कर रहे छात्र ने फांसी के फंदे में लटककर की आत्महत्या.
  • 2024 के शुरुआत से अब तक की यह 10 वा मामला.
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Student suicide in Kota: कोटा में आत्महत्या का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, हाल के समय में एक के बाद एक छात्रों के आत्महत्या के मामले गाहे बागहे सामने आते रहते है। सरकार और स्थानीय प्रशासन के तमाम दावों के बीच एक बार फिर मंगलवार (30 अप्रैल) को एक छात्र के फांसी फंदे में लटकने की दुखद खबर सामने आई।

मिली जानकारी के अनुसार कोटा में नीट की तैयारी कर रहे छात्र ने फांसी के फंदे में लटककर अपनी आत्महत्या को अंजाम दिया, इस दौरान छात्र ने एक लेटर लिखकर अपने आत्महत्या के लिए उठाए गए कदम को लेकर अपने पिता से माफ़ी भी मांगी है। मृतक छात्र धौलपुर निवासी बताया जा रहा है।

2024 में अब तक की 10 वी घटना

2024 के शुरुआत से अब तक की यह 10 वा मामला है जब कोटा में पढ़ाई करने देश के अलग अलग हिस्सों से पहुंचे छात्रों ने अपनी जिदंगी को अपने ही हाथों से समाप्त कर दिया है।

मंगलबार (30 अप्रैल) को फांसी के फंदे में लटककर जान देने वाले छात्र ने अपनी आत्महत्या से पहले एक पीले कागज़ में नोट लिखकर कहा है,

“मुझे माफ कर दीजिए पापा…. मैं इस साल भी नही कर पाया”।

इसके साथ छात्र ने नोट में एक दुखी मन की इमोजी भी बनाई है।

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मानसिक तनाव से जुझ रहा था छात्र

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छात्र काफ़ी लंबे समय से मानसिक तनाव से जुझ रहा था, उसकी आत्महत्या की वजह भी इसे ही बताया जा रहा है। छात्र धौलपुर से आकर कोटा से नीट की तैयारी कर रहा था, छात्र की पहचान भरत के रूप में हुई है। वह तलवंडी इलाके में हॉस्टल में रह रहा था, आत्महत्या की सूचना मिलते ही जवाहर नगर थाना क्षेत्र पुलिस मौके में पहुंचकर शव को बरामद में लेकर मोर्चरी में रखवाया गया है। प्रथम दृष्टया मामला छात्र के द्वारा रूम में (Student suicide in Kota)  अपने हाथ से ही फांसी लगाकर आत्महत्या का मालूम पड़ा है।

गौरतलब हो, जनवरी से अप्रैल तक चार महीने गुजरने के दौरान ये दसवीं आत्महत्या का मामला है जो कोटा में सामने आया है। अगर छात्र-छात्राएं इसी तरह से आत्महत्या करते रहे, तो वह दिन दूर नहीं जब कोटा कोचिंग सेंटर केवल नाम का रह जाएगा, एक के बाद एक ऐसी घटना सामने आने के बाद सरकार और स्थानीय प्रशासन के तमाम दावों की सतही तौर में पोल खोल कर रख दिया है।

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