संपादक, न्यूज़NORTH
Google India to take action against 10 apps for not paying service fee: [UPDATE]: ताजा प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 99 Acres, ALT Balaji, Bharat Matrimony, Kuku FM, Shaadi.Com जैसे ऐप्स प्ले स्टोर से हटा दिए गए हैं। इसको लेकर भारतीय स्टार्टअप जगत ने विरोध भी जताया है और तमाम फ़ाउंडर एक्स पर खुले रूप से गूगल की आलोचना कर रहे हैं।
Today is a dark day for India Internet. Google has delisted major apps from its app store even though legal hearings are underway @CCI_India & @indSupremeCourt Their false narratives & audacity show they have little regard for 🇮🇳 Make no mistake – this is the new Digital East…
— Anupam Mittal (@AnupamMittal) March 1, 2024
टेक दिग्गज गूगल की ओर से 1 मार्च को कहा गया कि कंपनी अपने ऐप स्टोर यानी Play Store से संबंधित बिलिंग पॉलिसी को लागू करने की शुरुआत कर रही है। इसका सीधा मतलब यह होगा कि इस पॉलिसी का पालन न करने वाले ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया जाएगा।
गूगल ने कहा कि 200,000 से अधिक भारतीय डेवलपर्स Google Play का इस्तेमाल करते हैं, और उन्होंने पॉलिसी का पालन करने का मन बना लिया है, जबकि 10 कंपनियों ने इस सर्विस के लिए भुगतान न करने का विकल्प चुना है। हालाँकि कंपनी ने इन 10 कंपनियों का नाम सार्वजनिक नहीं किया है।
Google India to take action against apps for not paying service fee?
लेकिन अपने ब्लॉग पोस्ट में गूगल की ओर से कहा गया कि
“इन सभी डेवलपर्स को इस संबंध में तैयारी के लिए तीन साल से अधिक का समय दिया गया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद के तीन हफ्ते भी शामिल हैं। ऐसे में अब हम यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं कि हमारी पॉलिसी को पूरे ईको-सिस्टम में लागू किया जाए।”
इसका मतलब ये है कि गूगल वैश्विक स्तर पर किसी भी प्रकार के पॉलिसी उल्लंघन को लेकर बनाए गए नियमों को इस संदर्भ में भी लागू करता दिखाई देगा। इसके अलावा भी कंपनी ने कुछ दिलचस्प बातें कहीं हैं।
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Google का कहना रहा कि किसी भी अदालत या नियामक ने Google Play को उसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले मूल्य और सेवाओं के लिए शुल्क लेने के अधिकार के ख़िलाफ कोई फ़ैसला नहीं दिया है। इतना ही नहीं बल्कि भारत में फरवरी में सर्वोच्च अदालत की ओर से इस विषय को लेकर गूगल के अधिकार में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया गया।
आपको बता दें, फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने Google को अपने आदेश में Play Store से ऐप्स की डिलिस्टिंग रोकने को लेकर दायर याचिका की सुनवाई में ऐसा करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद से ही अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि Google Play Store की बिलिंग पॉलिसी को न स्वीकार करने वाले ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाए जाने का रास्ता साफ हो गया है।
ऐसे में अगर मीडिया रिपोर्ट्स सही साबित होती हैं और भारत के कुछ लोकप्रिय 10 ऐप्स पर कार्यवाई होती है तो यह उनके लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। असल में प्ले स्टोर से हटाया जाना भारत जैसे देश में ऐप बिजनेस को बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि देश में आज भी अधिकांश लोग Android फ़ोनों का ही इस्तेमाल करते हैं।
क्या है सर्विस फीस
Google का कहना है कि डेवलपर जब इन-ऐप डिजिटल सामान बेचते हैं तो वह उनके एक सर्विस फीस लेता है। कंपनी के मुताबिक, इसके विभिन्न स्तरीय मूल्य निर्धारण प्रोग्राम से भी भारतीय डेवलपर्स को लाभ होता है। गूगल का कहना है कि भारत में केवल 3% डेवलपर्स ही डिजिटल सामान या सेवाएं बेचते हैं, और इसलिए उन्हें सर्विस फीस का भुगतान करने की आवश्यकता होती है। इसमें अधिकांश डेवलपर्स 15 प्रतिशत या उससे कम का भुगतान करते हैं, जिसे किसी भी प्रमुख वैश्विक ऐप स्टोर से सबसे कम बताया जाता है।