संपादक, न्यूज़NORTH
Yamuna Expressway YEIDA To Increase Toll Tax Rates: यमुना एक्सप्रेसवे में सफर करना एक बार फिर महँगा हो सकता है। सामने आ रही जानकारी के अनुसार, यमुना अथॉरिटी एक बार फिर टोल टैक्स में बढ़ोतरी करने का ऐलान कर सकती है। ऐसे में यमुना एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करने वालों के लिए यह एक अहम खबर है, क्योंकि इसका सीधा असर उन पर ही पड़ेगा।
असल में मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि यमुना अथॉरिटी की एक बैठक होने जा रही है। इसी बैठक में कुछ प्रस्ताव रखे जा सकते हैं, जिसमें टोल टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव भी शामिल हो सकता है।
जानकारी के अनुसार, बीतें 2 माह से यमुना अथॉरिटी की बोर्ड बैठक कुछ कारणों के चलते नहीं आयोजित की जा सकी। लेकिन सोमवार को संभावना है कि मीटिंग हो सकती है और इसमें 30 से 40 प्रस्ताव पेश किए जा सकते हैं, जिसमें टोल टैक्स को 5% तक बढ़ाने का प्रस्ताव भी शामिल हो सकता है।
Yamuna Expressway To Increase Toll Tax
यह पहली बार नहीं है जब यमुना एक्सप्रेसवे में टोल की दरे बढ़ाई जाएँगी। इसके पहले सितंबर, 2022 में भी ऐसा किया गया था। संभावित बैठक यमुना अथॉरिटी के अध्यक्ष अनिल सागर के नेतृत्व में होगी, जिसमें टोल के अलावा अन्य विषयों पर भी चर्चा हो सकती है।
फिलहाल टोल कीमतों की बात करें तो ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट से अलीगढ़ तक के लिए कार को ₹125 तक का भुगतान करना होता है। वहीं मथुरा और आगरा के लिए यह कीमतें क्रमशः ₹285 और ₹430 तक हैं।
यमुना विकास प्राधिकरण करेगा ज़मीन अधिग्रहण
इसके पहले यह भी जानकारी सामने आई थी कि दिल्ली एनसीआर प्लानिंग के तहत 6 नए सेक्टर बसने जाएँगे। इन नए सेक्टरों के निर्माण के लिए यमुना विकास प्राधिकरण जल्द किसानों से भूमि अधिग्रहण करने की प्रकिया चालू कर सकती है। जानकारी के मुताबिक, जेवर एयरपोर्ट के पास आवासीय, औद्योगिक एवं लॉजीस्टिक पार्क विकसित करने का काम यमुना विकास प्राधिकरण करने वाला है। इसके लिए प्राधिकरण 10 गाँवो से लगभग 1500 हेक्टर जमीन का अधिग्रहण कर सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो प्राधिकरण ने सबंधित जिला प्रशासन को प्रस्ताव भी भेज दिया है। यमुना विकास प्राधिकरण मास्टर प्लान 2041 में प्रस्तावित सेक्टर के लिए जमीन खरीदने जा रहा है, जिससे सेक्टर 5, 6, 7, 8, 9 और 11 के निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध करवाई जा सके।
सेक्टर 5 में जहां आवासीय परिसर का निर्माण होना है वही सेक्टर 6 औद्योगिक एवं 7 और 8 में वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक (मिक्स लैंड यूज) के लिहाज से निर्माण की तैयारी है। इस बीच सेक्टर 9 और 11 को संस्थागत श्रेणी में रखा गया है।