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Apple India ने ऐप स्टोर से हटाए Binance, Kucoin जैसे क्रिप्टो एक्सचेंज ऐप्स

Apple India ने ऐप स्टोर से हटाए Binance, Kucoin जैसे क्रिप्टो एक्सचेंज ऐप्स

  • Apple ने भारत में ऐप स्टोर से हटाए Binance, Kucoin, Houbi समेत 9 क्रिप्टो एक्सचेंज ऐप्स
  • भारतीय सरकारी एजेंसी पहले ही इन विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनियों को भेज चुकी हैं कारण बताओ (शो-कॉज) नोटिस
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Apple India Removes Binance Crypto Exchange From App Store: टेक दिग्गज एप्पल (Apple) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए, भारत में अपने ऐप स्टोर से कई क्रिप्टो एक्सचेंजों ऐप्स को हटा दिया है। इस कार्यवाई के तहत जिन ऐप्स को हटाया गया उनमें दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज Binance समेत Kucoin, Houbi, Kraken, Gate.io, Bittrex, Bitstamp, MEXC Global और Bitfinex का नाम शामिल है।

जैसा हमनें आपको पहले ही एक रिपोर्ट में बताया था कि भारत में मनी लॉन्ड्रिंग व टैक्स कानूनों और पंजीकरण संबंधी नियमों का पालन ना करने के चलते वित्तीय लेनदेन की जाँच करने वाली भारतीय सरकारी एजेंसी फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) की ओर से 9 विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनियों को कारण बताओ (शो-कॉज) नोटिस भेजे गए थे।

अब मनीकंट्रोल की एक हालिया रिपोर्ट के हवाले से सामने आ रही जानकारी के अनुसार, Apple ने भारत सरकार द्वारा भेजे गए इस नोटिस के चलते ही इन नौ वर्चुअल डिजिटल एसेट्स सेवा-प्रदाताओं या ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंजों को फिलहाल ऐप स्टोर से हटाने का फैसला किया है।

Apple Removes Binance & Other Crypto Apps

यह कहा जा रहा है कि फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट की ओर से इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी (MeitY)) मंत्रालय से इन कंपनियों की वेबसाइटों (URLs) को ब्लॉक करने की भी सिफारिश की गई थी।

दिलचस्प रूप से अब तक Apple की ओर से इन ऐप्स को App Store से हटाए जाने को लेकर कोई आधिकारिक टिप्पणी या बयान जारी नहीं किया गया है। वहीं लोगों का ध्यान अब गूगल की ओर भी है, क्योंकि फिलहाल भारत में ये सभी ऐप्स गूगल के प्ले स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं।

लेकिन जानकार ऐसी अटकलें लगा रहे हैं कि Apple की तर्ज पर Google भी भारत सरकार के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए जल्द Binance समेत इन सभी क्रिप्टो एक्सचेंज ऐप्स को अपने प्लेटफ़ॉर्म से हटा सकता है।

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भारत का सख्त रूख

भारत में क्रिप्टोकरेंसी और इससे संबंधित कंपनियों के भविष्य को लेकर कई तरह की आशंकाएँ व्यक्त की जाती रही हैं। भारत सरकार भी इन कंपनियों को लेकर सख्त रूख अपनाती नजर आई है। यहाँ तक कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) तो लगातार क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने का विरोध करता रहा है।

भारत ने पिछले साल ही वर्चूअल करेंसी पर टैक्स लगाने की शुरुआत करते हुए, लाभ पर 30% टैक्स और प्रत्येक क्रिप्टो लेनदेन पर 1% की कटौती जैसे नियम भी लागू किए।

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क्या कहते हैं नियम?

मार्च 2023 में भारत ने क्रिप्टोकरेंसी को एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग/काउंटर फाइनेंसिंग ऑफ टेररिज्म फ्रेमवर्क के दायरे में लाने का फैसला किया था। इसके बाद मार्च में ही वित्त मंत्रालय की ओर से भारत में सेवाएँ प्रदान करने वाली सभी क्रिप्टो कंपनियों को एफआईयू (FIU) के पास पंजीकृत होना अनिवार्य कर दिया गया।

इस महीने की शुरुआत में सरकार ने जानकारी दी थी कि फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के साथ 28 घरेलू क्रिप्टो सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां खुद को पंजीकृत (रजिस्टर) कर चुकी हैं। लेकिन अब सामने आ रही लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, FIU के साथ पंजीकृत कंपनियों की यह संख्या बढ़कर 31 हो गई है।

मनी-लॉन्ड्रिंग विवाद से Binance का पुराना रिश्ता

अगर आपको याद हो तो पिछले साल यानी नवंबर 2023 में ही दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज बिनेंस (Binance) के संस्थापक और सीईओ चांगपेंग झाओ (Changpeng Zhao उर्फ CZ) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें अमेरिकी मनी-लॉन्ड्रिंग विरोधी कानूनों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया था।

उनका यह कदम असल में क्रिप्टो एक्सचेंज को लेकर लंबे समय से चल रही जाँच को हल करने के लिए हुए ऐतिहासिक $4.3 बिलियन के समझौते का ही एक हिस्सा बताया गया था। जानकारों का कहना था कि वह समझौता अमेरिका के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े कॉर्पोरेट दंडों में से एक था, जिसके तहत चांगपेंग झाओ को व्यक्तिगत रूप से $50 मिलियन का भुगतान करना पड़ा।

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