UGC warns Edtech companies: UGC (University Grants Commission) ने भारत में एडटेक(Edtech) कंपनियों और उन विश्वविधालय को चेतवानी जारी कि है, जो डिस्टेंस कोर्स (दूरस्थ शिक्षा) के माध्यम से भारत में विदेशी विश्वविधालयो की डिग्री छात्रों को मुहैया करवा रहे हो जबकि उक्त विश्वविद्यालय का पंजीकरण UGC में नही हुआ हो।
दरअसल UGC अपने कुछ नियम कायदों के बाद भारत में संचालित हो रहे विश्वविद्यालय को अनुमति प्रदान करता है,अनुमति प्राप्त यूनिवर्सिटी की शिक्षा या डिग्री को देश में मान्यता प्राप्त होती है। हाल फिलहाल देश में देखा जा रहा है, कुछ एडटेक कंपनिया और महाविद्यालयो ने विदेशो में संचालित यूनिवर्सिटी से सहयोग संबंधी समझौते किया है, जो यूजीसी से मान्यता प्राप्त नहीं है।
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वह भारत में छात्रों को डिग्री और डिप्लोमा कोर्सेज उपलब्ध करवा रहे है, आपको जानकारी के लिए बता दे, ऐसे किसी भी कोर्स या डिग्री की मान्यता नहीं है। यूजीसी ने छात्रों से भी ऐसे किसी पाठ्यक्रम में भाग न लेने के लिए चेतावनी दी हैं।
UGC warns Edtech companies: बिना यूजीसी मान्यता प्राप्त विश्वविधालय की डिग्री अमान्य
पूरे मामले को लेकर यूजीसी के सचिव मनीष जोशी ने कहा,
‘‘यह पाया गया है कि कई उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) और महाविद्यालयों ने विदेश के ऐसे शिक्षण संस्थाओं के साथ सहयोग संबंधी समझौते किए हैं जो आयोग से मान्यता प्राप्त नहीं है और ये HEI एवं महाविद्यालय छात्रों को विदेश की डिग्री जारी किए जाने की व्यवस्था कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के किसी भी प्रकार के सहयोग या व्यवस्था को यूजीसी से मान्यता प्राप्त नहीं है और तदनुसार, ऐसी सहयोगात्मक व्यवस्था के बाद जारी की गई डिग्रियां भी आयोग से मान्यता प्राप्त नहीं हैं।’’
यूजीसी के अनुसार उन्हें कुछ शिकायतों के आधार में जानकारी प्राप्त हुई है, कुछ एडटेक कंपनियां कुछ विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ मिलकर ऑनलाइन डिग्री और डिप्लोमा कार्यक्रम पेश करने को लेकर समाचार पत्रों, सोशल मीडिया और टेलीविजन के जरिए विज्ञापन दे रही हैं।
ऐसे किसी भी कार्यक्रम को यूजीसी से मान्यता प्राप्त नहीं है, इस प्रकार से गैर कानूनी कार्य करने वाले दोषी सभी एडटेक कंपनियों के अलावा HEI के खिलाफ भी लागू नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है, यूजीसी भारत सरकार द्वार संचालित एक शासकीय संस्था है, उच्च शिक्षा के कार्यों में गुणवत्ता , समन्वय, निर्धारण जैसी प्रकिया इसके अधीन है, देश में किसी भी प्रकार के विश्वविधालय को खोलने से पूर्व यूजीसी के निधारित मापदंडों को पूरा करना पड़ता है।
हाल के समय में ऐसे कई मामले सामने आए है, जब ऐसे डिग्री डिप्लोमा प्रोगाम के ज़रिए छात्र ठगी के शिकार हुए है। UGC सिर्फ़ उन विश्व विद्यालयों को ही कैम्पस खोलने की अनुमति प्रदान करता है, जो विश्व में शीर्ष 500 में स्थित है।