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ट्रांसजेंडर्स भी बन सकेंगे भारतीय सेना का हिस्सा? चल रहा विचार, ये होंगी चुनौतियाँ?

ट्रांसजेंडर्स भी बन सकेंगे भारतीय सेना का हिस्सा? चल रहा विचार, ये होंगी चुनौतियाँ?

  • भारतीय सशस्त्र बल'रक्षा भूमिकाओं' में ट्रांसजेंडर्स के लिए संभावित रोजगार के अवसरों पर विचार कर रहे हैं।
  • ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम', 2019 में शामिल प्रावधानों पर भी गौर किया जा रहा है।
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Will Transgenders Be Able To Serve In The Indian Army?: बीतें कुछ सालों से देश में लगातार ट्रांसजेंडर्स को तमाम मोर्चों पर ‘समान अवसर’ प्रदान करने के प्रयासों में तेजी आई है। इसी क्रम में अब सामने आ रही जानकारी के अनुसार, ट्रांसजेंडर्स जल्द अब भारतीय सशस्त्र बलों का भी हिस्सा बनते नजर आ सकते हैं।

जी हाँ! इंडियन एक्सप्रेस की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सशस्त्र बल ‘रक्षा भूमिकाओं’ में ट्रांसजेंडर्स के लिए संभावित रोजगार के अवसरों और उनके द्वारा निभाई जा सकने वाली भूमिकाओं की पेशकश को लेकर विचार कर रहे हैं।

रिपोर्ट में मामले से संबंधित सूत्रों के हवाले से यह बताया गया कि अगस्त में प्रधान कार्मिक अधिकारी समिति (PPOC) की बैठक के दौरान इस विषय को लेकर एक संयुक्त अध्ययन समूह का गठन किया गया, जिसमें तीनों सेनाओं के शीर्ष अधिकारिक शामिल थे। जानकारी के अनुसार, इस समूह की अध्यक्षता सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा महानिदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने की।

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इस अध्ययन समूह को सशस्त्र बलों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को शामिल किए जाने से जुड़ी चुनौतियों पर विचार करने और उनका समाधान तलाशते हुए, रोजगार का मार्ग प्रशस्त करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

इस दौरान समूह ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम’, 2019 में शामिल प्रावधानों पर भी गौर करते हुए, तमाम पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। माना जा रहा है कि अगर सशस्त्र बलों में ट्रासजेंडर्स की भर्ती को मंजूरी मिलती है, तो सेना के तीनों अंगो – जल, थल और वायु सेना में इसको लागू किया जा सकेगा। हालाँकि इसको लेकर अभी पुख्ता तौर पर कुछ कहना जल्दबाज़ी होगी।

Transgenders Will Be Able To Join Indian Army?: क्या हैं चुनौतियाँ?

रिपोर्ट के मुताबिक, इस विषय को लेकर अध्ययन समूह को कई सुझाव प्राप्त हुए हैं, जिनमें यह भी शामिल है कि अगर ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सेना में शामिल होने की मंजूरी दी जाए तो भी उन्हें ‘चयन’, ‘ट्रेनिंग’ और ‘पोस्टिंग’ आदि चीजों को लेकर किसी प्रकार की रियायत ना दी जाए।

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असल में माना ये जा रहा है कि सेना में शामिल होने को लेकर नियम सभी के लिए बराबर होने चाहिए, ताकि उच्च मानकों को बरकरार रखा जा सके। इसके साथ ही ‘बुनियादी’ व ‘आवासीय’ ढाँचो में बदलाव, प्रशासनिक कठिनाईयों, व अन्य सैनिकों के साथ एक स्वस्थ्य माहौल प्रदान करने जैसी चुनौतियों पर भी गौर करने की आवश्यकता होगी।

किन देशों में पहले से ही मौजूद हैं नियम?

हो सकता है कि शायद आपके मन में भी अब तक एक सवाल आया हो कि आखिर दुनिया भर के किन-किन देशों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सेना में बतौर सैनिक भर्ती होने की अनुमति मिली हुई है?

दुनिया के कई दिग्गज देशों में पहले से ही यह नियम बने हुए हैं, जिनमें आस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, यूके, आयरलैंड, नॉर्वे, जर्मनी, फ्रांस, इजरायल, नीदरलैंड, कनाडा, न्यूजीलैंड, आस्ट्रिया, आदि शामिल है। और अगर सब कुछ सकारात्मक रहा तो भारत इस लिस्ट में शामिल होने वाला एक और देश बन जाएगा।

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