Now Reading
BigBasket की बिक्री बढ़ी; भारतीयों को लुभाने लगी है ऑनलाइन ग्रोसरी की सुविधा

BigBasket की बिक्री बढ़ी; भारतीयों को लुभाने लगी है ऑनलाइन ग्रोसरी की सुविधा

hacker-publish-2-crore-bigbasket-users-data-online

भारतीय ऑनलाइन ग्रोसरी क्षेत्र के एक बड़े प्लेयर BigBasket ने कहा कि मार्च 2019 में इस वित्त वर्ष के अंत तक कंपनी ने बिक्री में 60% की वृद्धि दर्ज करते हुए 3,200 करोड़ रुपये के आँकड़े को पार कर लिया है। 

इसके साथ ही कंपनी ने इसको देश में ऑनलाइन ग्रोसरी की खरीदारी की ओर लोगों की बढ़ती दिलचस्पी का भी संकेत बताया है।

इस दौरान कंपनी के फाउंडर, हरि मेनन ने कहा;

“हमें चालू वित्त वर्ष में 5,300 करोड़ रुपये तक के आय की उम्मीद है हालाँकि हमनें पहले ही 12 मिलियन ग्राहकों के आंकड़े को पार कर लिया है।” 

इसके साथ ही इस आठ साल पुरानी ई-ग्रोसरी कंपनी ने कहा कि यह वह चीनी ईकॉमर्स दिग्गज कंपनी  Alibaba के साथ अपनी पार्टनरशिप का उपयोग अपने डिलीवरी और लॉजिस्टिक्स में सुधार के लिए भी करेगी। कंपनी के मुताबिक, 

“हमनें Alibaba से ‘एक्सप्रेस डिलीवरी’ के कार्यप्रणाली को लेकर काफी कुछ सीखा है। इससे पहले हम स्वतंत्र रूप एक वैन डिलीवरी और दूसरा बाइक डिलीवरी का इस्तेमाल करते थे। लेकिन अब हमनें डिलीवरी को और भी सही रूप देने के लिए दोनों को एकीकृत कर दिया है।” 

इसके साथ ही डार्क स्टोर्स से बड़े वेयरहाउसिंग प्रारूप में शिफ्ट हुए इस रिटेलर ने Alibaba से उसके थोक स्टोरेज सिस्टम को लेकर भी काफी कुछ सीखते हुए उसको अपनाने का काम किया है।

दरसल विशेषज्ञों का मानना ​​है कि डिलीवरी और लॉजिस्टिक्स ऑनलाइन ग्रोसरी के बिज़नेस में अहम रोल निभाने वाले दो कारक हैं।

एक निवेशक नोट में SBICAP Securities के राजीव शर्मा और वंदना सोनी ने लिखा है;

“ग्रोसरी बिज़नेस की जल्द ही गिरवाट की खतरनाक संभावना सप्लाई चेन, इन्वेंट्री और डिस्ट्रीब्यूशन जैसी चीज़ों को इसमें और भी अधिक महत्वपूर्ण बनाती है। लॉजिस्टिक्स का प्रबंधन करने के लिए बिगबैकेट के पास अपना स्वयं का प्रौद्योगिकी रूटिंग सॉफ़्टवेयर है। इसके अलावा कंपनी अपने संचालन के सभी 26 शहरों में वेयरहाउस भी रखती है और साथ ही कंपनी ताज़ा उत्पादों की डिलीवरी के लिए फार्म-टू-फोर्क मॉडल का भी उपयोग करती है।” 

See Also
paytm-upi-market-share-drops-to-9-percent-after-bank-closed

आपको बता दें कि भारत के किराना बाजार का सिर्फ 0.2% भाग ही अभी ऑनलाइन है, और साथ ही इस क्षेत्र में प्रतिभागी की संख्या सालाना लगभग 50% बढ़ रही है।

CLSA के अनुसार तेजी से बढ़ती केटेगरी और प्राइवेट लेबल उत्पादों के चलते ऑनलाइन किराना बिज़नेस अगले एक दशक में $1 बिलियन से शुरुआत करते हुए $99 बिलियन तक बढ़ सकता है।

इस बीच Edelweiss Securities के उपाध्यक्ष अबनेश रॉय ने कहा,

”Amazon और Flipkart बड़े खिलाड़ी हैं, लेकिन उन्हें सब्जियों और मीट की सोर्सिंग पर भी ध्यान देने की जरूरत है, जो उनके लिए नए प्रकार का स्किल सेट भी साबित होगा।” 

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.