New case filed against Meta: दिग्गज टेक कंपनी मेटा पूर्व में फेसबुक ने 2012 और 2024 में दो बड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्म को एक बड़ी राशि अदा करते हुए अपने साथ मर्ज कर लिया था, इन कम्पनियों के नाम क्रमशः इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप है। मेटा का ये दांव कंपनी के लिए फायदेमंद साबित हुआ। आज सोशल मीडिया की दुनियां में वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम एक बड़ा नाम है, जो कि मेटा के स्वामित्व में है। कंपनी का ये दांव आलोचकों के निशाने में भी रहा, कई लोगों ने दावा किया कि Meta (facebook) ने सोशल मीडिया स्पेस में अपना इकलौता आधिपत्य जमाने के लिए ऐसा किया है। Meta (facebook) के ऊपर सोशल नेटवर्क मोनोपॉली बरकरार रखने के लिए अवैध तरीके से काम करने के आरोप लगे थे। ऐसे ही आरोपों के चलते US फेडरल ट्रेड कमिशन के लॉसूट का सामना अब दिग्गज टेक कंपनी Meta को करना पड़ रहा है।
केस को बंद करने की मेटा की मांग को खारिज
टेक दिग्गज कंपनी मेटा (फेसबुक) के ऊपर आरोप है कि कंपनी ने तेजी से उभरते सोशल मीडिया स्पेस में प्रतिस्पर्धा खत्म करने के लिए Instagram और WhatsApp को खरीदा था, इन आरोपों के तहत साल 2020 में कंपनी के खिलाफ एक मामला दर्ज हुआ था। जिसे Meta की ओर से खत्म करने की याचिका लगाई जा रही थी, लेकिन बुधवार को वॉशिंगटन में जज जेम्स बोआसबर्ग ने Meta की याचिका को ख़ारिज कर दिया।
अधिग्रहण ग्राहकों के लिए अच्छा रहा
वही इस पूरे मामले को लेकर मेटा ने अधिग्रहण को ग्राहकों के लिए अच्छा बताया साथ ही प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा मिलने वाली बात भी कही। मामले के संबंध में Meta के प्रवक्ता ने कहा कि “हमें विश्वास है कि ट्रायल के दौरान सबूत ये तय करेंगे कि इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप का अधिग्रहण ग्राहकों के लिए अच्छा रहा और इससे प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा मिला।”
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गौरतलब हो, FTC ने दिग्गज टेक कंपनी Meta पूर्व में फ़ेसबुक के ऊपर आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया स्पेस में मेटा की मोनोपॉली है, जिसे रोकना है। मेटा ने मार्केट में अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनी से मुकाबला करने के बजाय इन्हें (New case filed against Meta) पूरी तरह से कॉम्पिटीशन से हटा दिया।