संपादक, न्यूज़NORTH
SECI imposes a 3-year ban on Reliance Power: सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर लिमिटेड (Reliance Power Ltd.) और उसकी सब्सिडियरी कंपनियों को भविष्य के किसी भी टेंडर में बोली लगाने से 3 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। सामने आ रही जानकारी के अनुसार, SECI ने यह फैसला टेंडर प्रक्रिया के अंतिम राउंड में रिलायंस पावर की ओर से जमा की गई बैंक गारंटी फर्जी पाए जाने के बाद लिया।
इस मामले में एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, SECI की ओर से कागा गया कि संबंधित गड़बड़ी के चलते कंपनी के खिलाफ सख्त कदम उठाना पड़ा। आपको बता दें, इस कार्रवाई का मुख्य कारण Reliance Power की सब्सिडियरी कंपनी Reliance NU BESS Ltd. (पूर्व में महाराष्ट्र एनर्जी जेनरेशन लिमिटेड) की ओर से जमा की गई कथित नकली बैंक गारंटी बताई गई।
SECI Ban Reliance Power
रिपोर्ट के अनुसार, यह गारंटी एक विदेशी बैंक द्वारा जारी की गई थी, लेकिन जांच में इसे फर्जी पाया गया। SECI ने इसे गंभीर उल्लंघन मानते हुए बोली प्रक्रिया को रद्द कर दिया और Reliance Power और उसकी सहायक कंपनियों को 3 साल के लिए बैन कर दिया।
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SECI ने बोली प्रक्रिया के दस्तावेजों की गहन जांच की और उसी दौरान पूरा मामला सामने आया। बताया जा रहा है कि इस नकली बैंक गारंटी का इस्तेमाल टेंडर प्रक्रिया के लिए जरूरी Earnest Money Deposit (EMD) के रूप में किया गया था। SECI के अनुसार यह फर्जीवाड़ा ई-रिवर्स नीलामी के बाद सामने आया, जिससे इस पूरी प्रक्रिया को रद्द करना अनिवार्य हो गया।
Reliance Power की भूमिका
रिपोर्ट की माने तो जांच में पाया गया कि Reliance Power की सहायक कंपनी ने वित्तीय योग्यता पूरी करने के लिए अपनी पैरेंट कंपनी का इस्तेमाल किया। SECI के अनुसार, कमर्शियल और स्ट्रैटेजिक फैसले भी पैरेंट कंपनी यानी Reliance Power की ओर से लिए गए थे। इसलिए Reliance Power और उसकी सभी सहायक कंपनियों को भविष्य में SECI के किसी भी टेंडर के लिए बोली लगाने से प्रतिबंधित किया गया है।
जाहिर है सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार, नकली दस्तावेज का इस्तेमाल कर टेंडर आदि पाने की कोशिश करना एक गंभीर अपराध है। ऐसे में सख्त कदम उठाना आवश्यक हो गया। SECI का यह प्रतिबंध अनिल अंबानी की कंपनी के लिए एक बड़ा झटका है। इस बैन के बाद कंपनी SECI के किसी भी नए प्रोजेक्ट में भाग नहीं ले सकेगी, जिससे उसकी सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट योजना पर असर पड़ सकता है।