Now Reading
‘चमत्कारी’ प्रभाव का दावा करने वाले विज्ञापन अवैध, आयुर्वेद और होम्योपैथी दवाओं पर नकेल

‘चमत्कारी’ प्रभाव का दावा करने वाले विज्ञापन अवैध, आयुर्वेद और होम्योपैथी दवाओं पर नकेल

  • चमत्कारी प्रभाव का दावा करने वाली आयुर्वेदिक-सिद्ध दवाओं का विज्ञापन करना अवैध.
  • एएसयूएंडएच निर्माता या कंपनी को बिक्री के लिए विनिर्माण का लाइसेंस नही देता आयुष विभाग.

Ayurveda and Homeopathy Medicines Advertisement: आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (एएसयूएंडएच) दवाओं, उपचारों और संबंधित सेवाओं से संबंधित भ्रामक विज्ञापनों पर संज्ञान लिया है। आयुष मंत्रालय की ओर से आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी इलाज विद्या से चमत्कारिक रूप से लाभ अलौकिक प्रभाव का दावा करने वाले सभी विज्ञापनों को अवैध करार दिया है।

विभाग ने कहा कि ऐसे विज्ञापन लोगों को गुमराह तो कर रहें है, साथ ही यह लोगों के स्वास्थ्य के साथ गंभीर खिलबाड़ भी कर रहें है। विभाग ने साफ किया कि  वह किसी भी आयुर्वेदिक, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथिक (एएसयूएंडएच) कंपनी या उसकी दवा को न तो प्रमाणित या अनुमोदित करता है और न ही किसी एएसयूएंडएच निर्माता या कंपनी को बिक्री के लिए विनिर्माण का लाइसेंस देता है।

आयुष विभाग लाइसेंस नही देता तो फिर कैसे बन रही दवा?

अब आपके मन में एक सवाल उठ रहा होगा कि जब आयुष मंत्रालय या विभाग आयुर्वेदिक, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथिक (एएसयूएंडएच) कंपनी या उसकी दवा के निर्माण और उत्पाद के लिए अनुमति नही देता तो बाजारों में मिल रही उक्त सभी स्वास्थ्य विधाओं की दवाओं के निर्माण की अनुमति कैसे मिलती है तो इस बात का खुद आयुष विभाग की ओर से साफ़ किया गया है कि किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों में मिलने वाली (आयुर्वेदिक, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथिक) दवाओं के निर्माण और विनिर्माण की अनुमति या लाइसेंस संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा प्रदान किया जाता है।

चमत्कारी या अलौकिक प्रभावों का दावा अवैध

आयुष मंत्रालय ने स्पष्ट निर्देश दिए है कि कोई भी आयुर्वेदिक, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथिक दवा निर्माता अपनी दवाओं को लेकर उपचार के लिए चमत्कारी या अलौकिक प्रभावों का दावा करने वाले विज्ञापन करता है तो वह पूरी तरह अवैध है। ऐसे विज्ञापन असत्यापित या झूठे दावों को बढ़ावा देकर सार्वजनिक स्वास्थ्य को गुमराह और खतरे में डाल सकते हैं।

न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!

See Also

गौरतलब हो, औषधि एवं जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954, कुछ बीमारियों और स्थितियों के उपचार के लिए औषधियों और जादुई उपचारों के विज्ञापन पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया गया है। इस अधिनियम का उल्लंघन करने और दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को कानून के (Ayurveda and Homeopathy Medicines Advertisement)  तहत निर्धारित दंड के प्रावधान हैं।

 

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.