Iron rod behind the fall of Shivaji Maharaj’s statue: पिछले साल महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में पीएम नरेंद्र मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा का अनावरण किया था, वह विशालकाय 35 फीट ऊंची प्रतिमा 26 अगस्त के दिन ढह गई अब निकलकर आई जानकारी के मुताबिक़, प्रतिमा के ढहने का कारण प्रतिमा के अंदर स्टेनलेस स्टील की जगह लोहे की रॉड का प्रयोग करना बताया गया हैं।
संरचनात्मक सलाहकार की जमानत याचिका ख़ारिज
कोर्ट ने सिंधुदुर्ग जिले में स्थापित शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के आरोप में गिरफ़्तार संरचनात्मक सलाहकार की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी है। बता दे मूर्ति ढहने के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद पाटिल ने कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने ख़ारिज कर दी हैं।
कोर्ट ने जमानत याचिका ख़ारिज करते हुए अपनी टिप्पणी में कहा कि, जब स्टेनलेस स्टील की जगह मूर्ति में लोहे का प्रयोग किया गया तब ही इसके गिरने की संभावना पैदा हो गई। समंदर के किनारे लोहे में जंग लगने के चांसेस ज्यादा होते है। ऐसे में इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि आरोपी की गलती की वजह से यह दुर्घटना घटित हुई है। 19 सितंबर को ऐसा कहते हुए सिंधुगढ़ सेशन कोर्ट ने संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल की जमानत याचिका को ख़ारिज कर दिया था।
पाटिल ने अपने पक्ष में क्या कहा?
वही इस संबंध में संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल का कहना है कि वह assistant professor के तौर में काम करते है, इस अपराध से उनका कोई लेना देना नही है। उन्होंने कहा कि एक मित्र के कहने में उन्होंने व्हाट्सएप के जरिए केवल स्टेबिलिटी रिपोर्ट दी थी, यह रिपोर्ट भी प्रतिमा के प्लेटफॉर्म को लेकर थी, न की प्रतिमा को लेकर।
न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!
ऐसे कोई भी दस्तावेज़ नही है कि जिससे इस बात की पुष्टि हो कि यह कार्य उन्हें दिया गया था, या उन्हें इसका भुगतान हुआ हो। न ही प्रतिमा प्लेटफॉर्म को लेकर (Iron rod behind the fall of Shivaji Maharaj’s statue) ऐसा कुछ है, जिसके निर्माण या कमज़ोर होने का प्रमाण हो।