संपादक, न्यूज़NORTH
SEBI Bans Vijay Mallya For 3 Years: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए कथित कारोबारी विजय माल्या पर 3 साल का बैन लगाया है। इस बैन के चलते विजय माल्या 3 साल तक भारतीय सिक्योरिटीज मार्केट में लेनदेन नहीं कर सकेंगे। यह एक व्यापक बैन है और माल्या को अब आगामी 3 साल तक किसी भी तरह से लेन-देन करने की इजाज़त नहीं होगी।
इसके साथ ही SEBI ने विजय माल्या की सभी सिक्योरिटी होल्डिंग्स को फ्रीज करने का भी फ़रमान सुनाया है। इस आदेश के तहत माल्या के म्यूचुअल फंड यूनिट्स को भी फ़्रीज कर दिया गया है। आपको याद दिला दें, 1 जून 2018 को पारित किए गए एक आदेश के तहत SEBI पहले ही माल्या को तीन साल के लिए प्रतिभूति बाजार में एंट्री पर रोक लगा दी थी।
SEBI Bans Vijay Mallya For 3 Years
विजय माल्या पर यह ताजा कार्रवाई यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड के पैसों के गलत इस्तेमाल और अनुचित लेन-देन के चलते की गई है। कथित रूप से यूबीएसएल के विदेशी बैंक खातों के जरिए भारतीय प्रतिभूति बाजार में धन भेजने का मामला सामने आया था। माल्या पर FII नियमों का उल्लंघन करने। भारत में मौजूद अपने ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों में गलत तरीके से सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री करने जैसे आरोप हैं।
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माल्या को लेकर सेबी का यह नया आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावी हो गया है। सामने आ रही मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, SEBI माल्या द्वारा अपने शेयरों की ट्रेडिंग में अप्रत्यक्ष रुप से शामिल होने या ना होने के पहलू की भी जांच कर रही है।
अभी कहाँ हैं विजय माल्या?
आपको बता दें, विजय माल्या साल 2016 से ही ब्रिटेन (UK) में रह रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि भारत कसरकर वीयजय माल्या को उनकी बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस व अन्य कुछ धोखाधड़ी के मामलों में देश वापस लाने के लिए प्रत्यर्पण के प्रयास कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किंगफिशर बीयर बनाने वाली कंपनी यूनाइटेड ब्रेवरीज में फिलहाल विजय माल्या की लगभग 8% हिस्सेदारी है, जबकि यूनाइटेड स्पि्रट्स में भी 0.01% की हिस्सेदारी है। इसके अलावा, उसके पास म्यूचुअल फंड्स की भी कुछ यूनिट्स हैं।
फिलहाल SEBI ने माल्या पर किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या प्रस्तावित सूचीबद्ध कंपनी में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 3 साल तक लेनदेन करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। असल में इसके कुछ साल पहले SEBI द्वारा जांच में कथित तौर पर यह सामने आया था कि माल्या ने अपनी कुछ कंपनियों जैसे हर्बर्टसन लिमिटेड और यूनाइटेड स्पिरिट्स के शेयरों का चोरी-छिपे व्यापार करने के लिए विदेशी संस्थागत निवेशक का इस्तेमाल किया। इसके तहत लेन-देन के लिए रकम अलग-अलग विदेशी खातों के जरिए भेजी गई थी।
SEBI के अनुसार, ऐसी प्रथाओं का इस्तेमाल निवेशकों के हितों के खिलाफ होता है और इतना ही नहीं बल्कि लेनदेन के साथ बाजार के खिलाड़ियों और नियामक के साथ धोखधड़ी का भी मामला बनता है।