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SEBI ने पूर्व टीवी एंकर पर लगाया 5 साल का बैन और ₹1 करोड़ जुर्माना

SEBI ने पूर्व टीवी एंकर पर लगाया 5 साल का बैन और ₹1 करोड़ जुर्माना

  • शेयर निवेशकों से धोखाधड़ी मामले में SEBI का एक्शन
  • पूर्व टीवी एंकर पंड्या को किया बैन, लगाया जुर्माना
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SEBI Bans Former TV Anchor For 5 Years, Fined Rs 1 Crore: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक टेलीविजन चैनल पर शेयर मार्केट से संबंधित प्रोग्राम के पूर्व एंकर रहे प्रदीप पंड्या समेत सात अन्य लोगों एवं फर्मों को प्रतिभूति बाजार से 5 साल के लिए बैन कर दिया है। इसके साथ ही धोखाधड़ी वाली गतिविधियों में लिप्त होने के चलते इन तमाम लोगों पर कुल मिलाकर ₹2.6 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की ओर से प्रतिबंधित किए गए लोगों में पूर्व टीवी एंकर पंड्या के साथ ही साथ अल्पेश फुरिया, मनीष फुरिया, अल्पा फुरिया, अल्पेश वासंजी फुरिया एचयूएफ, मनीष वी फुरिया एचयूएफ, महान इन्वेस्टमेंट और तोशी ट्रेड का भी नाम शामिल है।

SEBI Bans Former TV Anchor For 5 Years

बता दें, अगस्त, 2021 तक बिजनेस समाचार चैनल सीएनबीसी आवाज़ में प्रदीप पंड्या बतौर एंकर विभिन्न कार्यक्रमों की पेशकश करते थे। वहीं अल्पेश फुरिया विशेषज्ञ अतिथि के रूप में टीवी चैनल पर नजर आए। साथ ही वह अपने ट्विटर हैंडल पर शेयरों के बारे में सिफारिशें भी करते थे।

असल में टीवी शो ‘पंड्या का फंडा’ में शेयरों के बारे में दिए गए प्रदीप पंड्या के सुझावों और नवंबर 2019 से जनवरी 2021 के दौरान अल्पेश फुरिया और संबंधित फर्मों द्वारा शेयर बाज़ार में किए गए सौदों के बीच गहरा संबंध देखनें को मिला।

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इस मामले में SEBI की ओर से 55 पेजों का एक अंतिम आदेश पारित किया गया है। इस आदेश में लिखा है कि प्रदीप पंड्या ने सीएनबीसी आवाज़ के लिए एंकर के रूप में काम करते हुए अल्पेश फुरिया के साथ आगामी स्टॉक सिफ़ारिशों को लेकर गोपनीय जानकारियां शेयर की। इस दौरान अल्पेश फुरिया ने इन विशेष सूचनाओं का लाभ उठाते हुए अपने अकाउंट्स और संबंधित संस्थाओं के जरिये शेयर बाज़ार में लेनदेन किए।

असल में इस तरीके को अपना कर अल्पेश फुरिया और प्रदीप पंड्या ने शेयर अनुशंसाओं को प्रसारण के तहत सार्वजनिक रूप से पेश करने से पहले खुद की स्थिति को लाभ में बनाए रखने की कोशिशें की।

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नियामक के अनुसार फुरिया ने कुछ लाभ के एवज़ में अन्य लोगों से भी सूचनाएँ साझा की। SEBI के अनुसार, इस मामले में न सिर्फ गोपनीय सूचनाओं का लाभ उठाने का इरादा स्पष्ट होता है, बल्कि निजी लाभ के लिए सूचना की विषमता प्रथा का भी इस्तेमाल किया गया।

इस मामले में तहत सबसे पहले दिसंबर, 2020 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने एक रिपोर्ट में अल्पेश फुरिया और संबंधित संस्थाओं के बाज़ार लेनदेन का विश्लेषण किया और वहीं SEBI ने 2020 और जनवरी, 2021 के बीच मामले का आगे विश्लेषण किया। जांच के दौरान नियामक ने पंड्या और अल्पेश फुरिया के कॉल डेटा रिकॉर्ड में यह देखा कि पंड्या की सिफारिशों से संबंधित जानकारी तक अग्रिम पहुंच हासिल करने जैसी स्थिति का खुलासा हुआ।

इसी क्रम में अब SEBI ने पंड्या, अल्पेश फुरिया और अन्य छह संस्थाओं को प्रतिभूति बाजार में 5 साल के लिए खरीद, बिक्री या अन्यथा लेनदेन, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से या किसी भी तरह से प्रतिभूति बाजार से जुड़नें पर बैन लगा दिया है। इस मामले में पंड्या और अल्पेश फुरिया पर ₹1-1 करोड़ और शेष पर ₹10-10 लाख का जुर्माना लगाया गया है।

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