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बिहार पुलिस भर्ती: पहली बार 3 ट्रांसजेंडर बने दारोगा, लंबी कानूनी लड़ाई के बाद चयन

बिहार पुलिस भर्ती: पहली बार 3 ट्रांसजेंडर बने दारोगा, लंबी कानूनी लड़ाई के बाद चयन

  • बिहार पुलिस में तीन थर्ड जेंडर उम्मीदवारों का चयन.
  • बिहार की कुल जनसंख्या 10 करोड़ 41 लाख में से राज्य में 40,827 लोग तीसरे लिंग समुदाय से मौजूद.
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Now third gender also in police in Bihar: बिहार पुलिस अधीनस्थ चयन आयोग (BPSSC) ने मंगलवार (9 जुलाई 2024) को पुलिस भर्ती चयन सूची जारी कर दी है, राज्य के पुलिस भर्ती परिणामों में राज्य में ऐतिहासिक रूप से पटना उच्च न्यायालय के आदेशों को संज्ञान में लेते हुए 1257 चयनित अभ्यर्थियों में से तीन थर्ड जेंडर अभ्यर्थियों का भी चयन किया गया है।

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मौका

बिहार पुलिस अधीनस्थ चयन आयोग द्वारा जारी सब-इंस्पेक्टरों की भर्ती के लिए अंतिम परिणाम में 1275 सफल उम्मीदवारों में से तीन ट्रांसजेंडर उम्मीदवार का चयन किया गया है। ट्रांसजेंडर समुदाय से पुलिस विभाग में चयन बिहार के इतिहास में यह पहली बार हुआ है। ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए यह उपलब्धि इतनी आसन नहीं रही, इसके लिए समाज के लोगों ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। पुलिस विभाग में थर्ड जेंडर समुदाय के अभ्यर्थियों के चयन के बाद अब समाज के लोगों को उम्मीद है कि अन्य विभागों में भी जल्द उन्हे नौकरी करने का मौका मिलेगा।

राज्य में 40 हजार से अधिक ट्रांसजेंडर

2011 की जन गणना के अनुसार  बिहार की कुल जनसंख्या 10 करोड़ 41 लाख में से राज्य में 40,827 लोग तीसरे लिंग के मौजूद है। यानि की राज्य की प्रति 1 लाख आबादी में 39 व्यक्ति थर्ड जेंडर समुदाय का प्रतिनिधत्व करता है। ऐसे में राज्य में थर्ड जेंडर समुदाय की  एक याचिका में पटना उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान गृह विभाग ने हलफनामा दायर करते हुए कहा था कि, राज्य सरकार बिहार के प्रत्येक जिले में थर्ड जेंडर समुदाय से एक सब इंस्पेक्टर और 4 कॉन्सेटबल की नियुक्ति करेगी।

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गौरतलब हो, बिहार पुलिस दारोगा भर्ती के कुल 1275 रिक्तियों पर 822 पुरुष, 450 महिला और 3 ट्रांसजेंडर अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। हालांकि ट्रांसजेंडर के 2 पद खाली रह गए हैं। ऐसे में राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर परिषद की सदस्य और पटना विश्वविद्यालय की मनोनीत सीनेट सदस्य रेशमा प्रसाद ने मांग की है, अगर योग्य उम्मीदवार नहीं मिलते हैं तब भी ट्रांस (Now third gender also in police in Bihar) जेंडरों के आरक्षित पदों को रिक्त ही रखा जाए।

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